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Coronavirus: इन शायरों ने कोरोना से लोगों के बचाव और देश की सुरक्षा के लिए मांगी दुआ

Highlights 'मदर्स डे स्पेशल जश्ने बैतूल' में बेगम हजरत महल के बारे में बताया बेगम हजरत महल को मुस्लिम महिलाओं के लिए मिसाल बतायी शायरों ने मुस्लिम वीर महिलाओं के बारे में अपनी शायरी पेश की

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मेरठ। मोमिनीन ऐ मेरठ द्वारा 'मदर्स डे स्पेशल जश्ने बैतूल' कार्यक्रम ज़ैदी नगर सोसाइटी इमाम बारगाह पंजे तनी में आयोजित किया गया। जिसमें देश के चुनिंदा शायर मौजूद रहे। इसमें मदर्स डे स्पेशल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में आए शायरों और वक्ताओं ने देश में कोरोना से बचाव और देशवासियों की सुरक्षा के लिए दुआएं मांगी। कार्यक्रम में वीरांगना बेगम हजरत महल के जीवन पर प्रकाश डाला गया। बताया गया कि बेगम हजरत महल मुस्लिम महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं।

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शायर पकरी मेरठ शम्स तबरेज, झारखंड आमिर फैजाबादी ने भी मुस्लिम वीर महिलाओं की शान में शायरी की। जनाब ए फातिमा जहरा के कसीदे पढ़े गए और इंसानियत का पैगाम दिया गया। इसके बाद खुदा से दुआ मांगी गई कि देश को कोरोना वायरस से मुक्त कराए और सभी को इससे लडऩे की ताकत प्रदान करें।

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इस दौरान मारूफ ने बेगम हजरत महल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वे सन 1857 के संग्राम से जुड़ीं महिला थीं। इनका विवाह अवध के नवाब वाजिद अलीशाह के साथ हुआ था। इनका एक बेटा था। जिसका नाम मिर्जा बिरजिस खादिर बहादुर था। 13 फरवरी 1856 को अंग्रेजी सैनिकों ने नवाब वाजिद अलीशाह को कैद कर लिया और उन्हें कलकत्ता भेजकर अवध पर गैरकानूनी रूप से कब्जा कर लिया। इससे आम जनता ने बेगम हजरत महल के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया। इसके पश्चात बेगम हजरत महल ने 7 जुलाई 1857 को अपने बेटे बिरजिस खादिर को नवाब घोषित कर दिया। हजरत महल ने अपने बेटे की ओर से लगभग 10 महीने तक शासन किया।


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