यह भी पढ़ेंः
भाजपा राज में ‘ट्रैक’ से उतरी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की साइकिल, देखें वीडियो उन्होंने कहा कि मुस्लिम तो पहले से कोर्ट के फैसले को मानने की बात कहता रहा है। तो फिर दिक्कत कहां से हैं। हिन्दू-मुस्लिमों को दोनों को कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगामी 29 जनवरी का उन्हें इंतजार रहेगा। जब सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करेगी। काजी जैनुरसाजिद्दीन ने कहा कि इस मसले को न्यायिक अदालत जल्द ही खत्म करती तो बहुत अच्छा होता। इसमें देरी करना ठीक नहीं है। यह देश के लिए गंभीर मसला है जिसे जल्द ही हल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल ही में एक बैठक हुई है। जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि मंदिर के नाम पर जो बयानबाजी हो रही है उस पर कोई प्रतिक्रिया न दी जाए। अगर कोई भड़काऊ बात कही जाए तो मुसलमान कोई उत्तेजनापूर्ण प्रतिक्रिया न दें ताकि जो लोग धार्मिक भावनाएं भड़काकर वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहते हैं उनके मंसूबे कामयाब नहीं हों। उन्होंने बताया कि इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। जिससे यह अधिक से अधिक मुसलमानों तक पहुंचाई जा सके।
यह भी देखेंः
VIDEO: बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद एडीजी ने ये कहा उन्होंने कहा कि बाबरी मासले को लेकर अभी तक मुस्लिमों का रवैया संतोषजनक रहा है और आगे भी वह इसी तरह धैर्य से काम लेते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जो भी करना है कोर्ट को करना है तो फिर हम लोग उसके बीच में अड़ंगा क्यों लगाए। अब 29 जनवरी को सुनवाई के बाद ही इस मसले पर कोई निर्णय हो सकेगा।