कार्यक्रम में इफ्तार खान ने भारतीय मुसलमानों से अनुरोध किया कि वे अब अयोध्या विवाद भूल जाए। यह विवाद अब समय के साथ दफन हो चुका है। उन्होंनें कहा कि इस घटना से मुल्क की सांप्रदायिक सौहार्द भावना कम होने लगी है। इस विवाद से दोनों समुदायों के बीच नफरत का महौल पैदा हुआ। जिसके कारण तनाव बढ़ गया था। अब जरूरत इस बात की है कि मुसलमान उच्चतम न्यायालय के आदेश को दिल से स्वीकार करें तथा आगे बढ़ें। क्योंकि इस विवाद से पहले ही बहुत से लोग बर्बाद हो चुके हैं।
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8 दिसंबर को मकर राशि में प्रवेश कर रहे शुक्र देव इन राशियों का बदल देंगे भाग्य मुसलमानों को भारत की अखंडता पर ध्यान आर्कषित करना चाहिए क्योंकि इस घटना के कारण हिंदुओं और मुसलमानों, दोनों के ही दिमाग में एक दुसरे के प्रति द्वेष की भावना बनी हुई हैं। भारतीय प्रायद्वीप में सूफी संतों की अमनपूर्ण-तालीमों के सहारे इस्लाम का प्रचार-प्रसार हुआ है। यह पैगंबर मोहम्मद का धैर्य ही था, जिसके कारण उन्होंने बिना तलवार चलाए ही मक्का विजय प्राप्त की।
कारी मोहम्मद शरीफ ने कहा कि देश के मुसलमानों को अपने उज्ज्वल भविष्य पर ध्यान देना चाहिए जो केवल तालीम एवं रोजगार से ही प्राप्त किया जा सकता है। हम केवल विश्वास एवं सौहार्द का सेतु बना सकते हैं, जो भारत में अमन लाएगा एवं भारत की अखंडता को मजबूत करेगा, जैसा कि कुरान कहता है। कार्यक्रम के बाद मुल्क की अमन के लिए दुआ मांगी गई और नमाज अदा की गई।