उन्होंने कहा वर्ष 2013 से पूर्व यह कुप्रथा का कार्य काफी संख्या में था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश के 47 जनपदों में भी मानव मल उठाये जाने की कुप्रथा आज भी चल रही है। उन्होंने बताया कि इस कुप्रथा को जड़ से खत्म करने हेतु स्वच्छकार मुक्ति योजना शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य ऐसे सभी लोगों को जोड़कर योजना अंतर्गत 40000 का आर्थिक अनुदान प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाना है। दिलेर ने विकास भवन में संबंधित अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए सरकार की मंशा के अनुरूप बिना भेदभाव के समाज के दबे व कुचले वर्ग के लोगों को हक देने के लिए कार्य करें।
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उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत के साथ सबका साथ सबका विकास का नारा ही माननीय प्रधानमंत्री जी का सपना है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बाहरी सर्वे कराकर मानव मल ढोने की कुप्रथा में जो लोग लगे हैं, उनको प्राथमिकता पर स्वच्छकार मुक्ती योजना से लाभान्वित करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान चलाकर इस कुप्रथा में संलिप्त लोगों को चिन्हित कर उन्हें मुक्त कराया जाए।
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नियुक्त सफाई कर्मियों को शैक्षिक योग्यता के आधार पर लिपिक आदि पदों पर पदोन्नति कराने, सवेतन साप्ताहिक अवकाश देने, सफाई कर्मियों को सेफ्टी किट देने, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मलिन व दलित बस्तियों में छूटे लोगों का पंजीकरण कराने, समान काम समान बेज दिलाने व मृतक आश्रित को चिकित्सा क्षतिपूर्ति बिल भुगतान कराने सहित आदि समस्याओं से अवगत कराते हुए समय से निराकरण के लिए कहा।