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Navratri 2018: इस मुहूर्त में करेंगे कलश स्थापना तो देवी मां होंगी अति प्रसन्न

locationमेरठPublished: Oct 08, 2018 12:17:49 pm

Submitted by:

sanjay sharma

10 अक्टूबर को नवरात्र शुरू, प्रथम नवरात्र के दिन 2 घड़ी 18 पल ही रहेगी यह तिथि
 

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मेरठ। दस अक्टूबर 2018 से लगने वाले शरदीय नवरात्र कई मायने में इस बार बहुत शुभ माने जा रहे हैं। पहले तो यह बुधवार को लग रहे हैं। बुध को खुशहाली और संपन्नता का कारक माना जाता है। दूसरा इस बार देवी मां नाव पर सवार होकर आ रही हैं। उत्तर दिशा की ओर से आने के कारण यह माना जा रहा है कि आने वाला समय देश और राज्य के लिए काफी शुभ है। ऐसा कहना पंडित कमलेश्वर का। उनके अनुसार शारदीय नवरात्र का आरंभ प्रतिवर्ष आश्विन शुक्ल प्रतिपदा के दिन होता है। इस वर्ष यह तिथि 10 अक्टूबर को है। शास्त्रों में बताया गया है कि navratri 2018 के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करने के बाद नवग्रहों, पंचदेवता, ग्राम और नगर देवता की पूजा के बाद विधि-विधान से माता की पूजा करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि मंगल कलश की स्थापना से नवरात्र में देवी पूजन सफल और फलदायक होता है। इसलिए बड़े-बड़े पंडालों से लेकर सामान्य गृहस्थ तक अपने घर में कलश बैठाते हैं। कलश की स्थापना से यह भी पता चलता है कि आपके लिए आने वाला साल कैसा रहेगा। इसलिए शुभ मुहूर्त में ही कलश की स्थापना करनी चाहिए।
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ये है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

navratri 2018 में कलश स्थापित करने का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 26 मिनट तक है। अगर इस समय तक कलश नहीं बैठा पाते हैं तो फिर आपको दोपहर तक का इंतजार करना होगा। दोपहर में अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इस दौरान नवरात्र पूजन के लिए कलश स्थापित किया जा सकता है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष सुबह 7 बजकर 26 मिनट तक ही प्रतिपदा तिथि है। इसके बाद द्वितीय तिथि लग जाएगी, लेकिन द्वितीया तिथि को क्षय माना जाएगा क्योंकि सूर्योदय के समय प्रतिपदा तिथि रहेगी। इससे पूरे दिन प्रतिपदा तिथि ही मान्य रहेगी। ऐसे में घट स्थापना के लिए सबसे उत्तम समय प्रातः 7 बजकर 26 मिनट तक है। इस साल 10 अक्टूबर को बुधवार को सूर्योदय बाद 2 घड़ी 18 पल तक ही प्रतिपदा तिथि है। फिर भी शास्त्रों के नियमानुसार सूर्योदय व्यापिनी प्रतिपदा होने से इसी दिन नवरात्र आरंभ हो रहा है। नवरात्र का आरंभ बुधवार को हो रहा है। बुध को व्यापार, बुद्धि और ज्ञान का कारक ग्रह माना जाता है। ऐसे में इस वर्ष नवरात्र को व्यापार में प्रगति के लिए अच्छा माना जा रहा है। छात्रों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए भी नवरात्र का बुधवार के दिन आरंभ शुभ फलदायी है।
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ऐसे करें कलश स्थापना

navratri 2018 में कलश स्थापित करने वाले को सबसे पहले पवित्र होने के बाद देवी मंत्र का जाप करें। मंत्र से स्वयं को और पूजन सामग्रियों को पवित्र कर लेना चाहिए। इसके बाद दाएं हाथ में अक्षत, फूल और जल लेकर दुर्गा पूजन का संकल्प करना चाहिए। माता की मूर्ति या तस्वीर के सामने कलश मिट्टी के ऊपर रखकर हाथ में अक्षत, फूल, और गंगाजल लेकर वरुण देवता का आह्वान करना चाहिए। कलश में सर्वऔषधी एवं पंचरत्न डालें। कलश के नीचे रखी मिट्टी में सप्तधान्य और सप्तमृतिका मिलाएं। आम के पत्ते कलश में डालें। कलश के ऊपर एक पात्र में अनाज भरकर इसके ऊपर एक दीप जलाएं। कलश में पंचपल्लव डालें इसके ऊपर लाल वस्त्र लपेटकर एक पानी वाला नारियल रखें। कलश के नीचे मिट्टी में जौ के दानें फैलाएं। देवी का ध्यान करें।
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