इसके लिए अब एक किसान को एक बार में केवल पांच और एक फसल के लिए अधिकतम 50 बोरे यूरिया ही मिल सकेगा। यूरिया वितरण को लेकर कृषि विभाग ने 22 बिदुओं की कार्ययोजना तैयार की थी। जिला कृषि अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी और कोऑपरेटिव को इन सभी बिदुओं पर अमल करते हुए यूरिया ब्रिकी करवाने के आदेश दिए थे। अब यूरिया उर्वरक की उपलब्धता एवं वितरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रत्येक समिति के बिक्री केंद्र का फसल चक्र के आधार पर सत्यापन होगा।
सहायक निबंधन एवं सहायक आयुक्त सहकारिता एवं जिला गन्ना अधिकारी जांच कर रिपोर्ट जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे। जिला कृषि अधिकारी निजी, बफर व थोक विक्रेताओं का सत्यापन करेंगे। तीनों विभाग अलग-अलग भी रिपोर्ट तैयार करेंगे। इससे समीक्षा के दौरान गड़बड़ी को दूर किया जा सकेगा। इसके अलावा यूरिया बिक्री केंद्रों पर पेटीएम, गूगल-पे, फोन-पे से भी किसानों को यूरिया मिलेगा। एक फसल में एक किसान को अधिकतम 50 बोरे दिए जाएंगे और एक बार में अधिकतम पांच बोरे ही मिलेंगे। यूरिवा की बिक्री केवल आधार कार्ड के बेस ई-पोस मशीन द्वारा की जाएगी।
मेरठ के कृषि अधिकारी प्रमोद सिरोही ने बताया कि अब किसानों केा 50 बोरे से अधिक यूरिया नहीं मिल सकेगा। किसानों को यह भी बताया जा रहा है कि खेत में यूरिया का प्रयोग अधिक से अधिक न करें। इससे फसल को नुकसान भी हो सकता है। बता दें कि यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए ही ये कदम उठाया गया है।