
पलायन मामले में आया नया मोड़, पुलिस ने ये बड़ा दावा करते हुए किया तीन को गिरफ्तार, देखें वीडियो
मेरठ। मेरठ के शास्त्रीनगर सेक्टर आठ में 'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर लगने के बाद से पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया था। पुलिस और प्रशासन इस जांच में जुटे रहे कि आखिर सेक्टर आठ में पोस्टर लगने का मामला क्या है। प्रशासन और पुलिस का दावा है कि उन्होंने इस घटना से परदा हटा दिया है। हालांकि पुलिस के ये बयान लोगों के गले नहीं उतर रहे हैं। पुलिस का पोस्टर मामले में खुलासा तमाम सवाल खड़े कर रहा है, लेकिन अफसर हैं कि अपनी बात पर अड़े हैं।
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पुलिस अफसरों ने किया ये दावा
उनका कहना है कि मामला मकान बिक्री का नहीं, बल्कि साजिश का था। आरोप लगाए जा रहे हैं कि पुलिस प्रशासन ने प्रहलादनगर जैसी फजीहत से बचने के लिए इस मामले में लीपापोती की है। शनिवार की सुबह शास्त्रीनगर के सेक्टर आठ में हल्ला मच गया। प्रहलादनगर की भांति मकानों पर बिकाऊ होने के पोस्टर और बोर्ड लगे थे। दिनभर लोगों ने तमाम आरोप लगाए। अफसर यहां जुटे रहे। एसपी सिटी डा. एएन सिंह ने बताया कि पूरे प्रकरण का पता चल गया हैं मामला मकान बेचने के रूपयों को लेकर हैं। मकान मालिक की ओर से मोहल्ले के ही तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस प्रशासन ने तो अपनी ओर से इस मामले को खत्म कर दिया है।
मकान हाथ से निकलता देख लगाए पोस्टर
एसपी सिटी डा. एएन सिंह ने बताया कि राजेश गुप्ता नामक व्यक्ति ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि उन्हें बेटी की शादी करनी है, इसलिए अपने मकान को बेच रहे थे। मकान का सौदा कालोनी के राकेश गोयल से 18 लाख में तय हो रहा था। तभी मकान का दूसरा ग्राहक मशकूर आ गया। उसने मकान की कीमत 23 लाख लगा दी। राजेश ने मशकूर से मकान का सौदा फाइनल कर दिया। आरोप है कि राकेश गोयल ने मकान खरीदने के लिए अपने साथ पूरेंद्र शर्मा और हरकेश कुमार को लेकर 'मकान बिकाऊ है' का षड्यंत्र रचकर पोस्टर लगा दिए। प्रिंटिंग प्रेस से पुलिस को पता चला है कि पोस्टर राकेश गोयल ने ही छपवाए थे। जिन आरोपियाें के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है।
Published on:
21 Jul 2019 05:05 pm
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