सूत्रों के मुताबिक इसका प्रमुख कारण दलों में टिकटों की मारामारी, जातिगत समीकरण व अन्य दलों के प्रत्याशियों की घोषणा का इंतजार आदि को माना जा रहा है। ऐसे में दावेदार प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ना लाजिमी है। भाजपा ने जहां मेरठ में अभी तक मेयर प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है, वहीं शामली की दो नगर पंचायतों में भी अभी प्रत्याशियों का चयन नहीं हो पाया है। हालांकि पार्टी ने शनिवार को निगम के लगभग सभी वार्डों में प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।
अन्य दलों कांग्रेस, सपा व बसपा ने जहां मेयर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, वहीं पार्षद प्रत्याशियों की घोषणा करना अभी बाकी है। मेरठ जिले की तेरह नगर पंचायत और दो नगर पालिका परिषदों की बात करें तो यहां भी अधिकांश पार्टियों के द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा करना बाकी है। यही हाल बिजनौर जिले में है, यहां 12 नगर पालिका और 6 नगर पंचायतों में भाजपा ने सभी प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।
सपा ने अभी 18 की जगह 16, बसपा ने 17, कांग्रेस ने 8 ही उम्मीदवारों का ऐलान किया है। कांग्रेस ने सिर्फ 8 नगर पालिका के ही उम्मीदवारों का ऐलान किया है। वहीं हापुड़ के चार नगरीय निकायों तीन नगर पालिका और एक नगर पंचायत में से कांग्रेस व सपा ने तीनों नगर पालिकाओं के प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है, लेकिन अभी नगर पंचायत के प्रत्याशी की घोषणा बाकी है। इसके अलावा भाजपा ने सिर्फ नगर पंचायत और बसपा ने मात्र एक नगर पालिका प्रत्याशी की घोषणा की है। इसके अलावा रालोद ने भी चार की जगह मात्र एक प्रत्याशी का ही ऐलान किया है।