पहली और दूसरी लहर में खड़ा हुआ था आक्सीजन का संकट
सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि कोरोना का पहला केस 2019 में दुनिया में आया था। इसके बाद देश में जनवरी 2020 में इसका पहला केस मिला था। वहीं मेरठ में 25 मार्च 2020 को पहला केस सामने आया था। उसके बाद 2020 में ही सितंबर-अक्टूबर तक वायरस ने बड़ी तबाही मचाई थी। इसके बाद मार्च 2021 में आई दूसरी लहर में तो कोरोना ने सभी के हौसले पस्त कर दिए थे। सड़कों पर लाशें जलाई गई थी कब्रिस्तान में शवों को दफनाने के लिए मिटटी कम पड़ गई थी। इस दूसरी लहर में एक-एक दिन में 50 से अधिक संक्रमितों की मौत हुई थी। ये वो दौर था जब आक्सीजन का भारी संकट खड़ा हुआ था और अधिकतर संक्रमितों की मौत सांसो की कमी के चलते हुई थी।
जिले में अब तीसरी लहर से निपटने की पूरी तैयारी है। इस समय मेरठ में कुल 27 आक्सीजन प्लांट हैं। जिनमें 12 सरकारी और 17 प्राइवेट हैं। मंडल में कुल 92 आक्सीजन प्लॉट हैं। जिले में 591 आक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं।
ओमिक्रोन की बढ़ी रफ्तार को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी है। सीएमओ डा. अखिलेश ने आइएमए अध्यक्ष डा. रेनू भगत और अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ मीटिंग कर नए वैरिएंट से निपटने की योजना बनाई है। सीएमओ ने उनसे इलाज के लिए तैयार रहने वाले निजी अस्पतालों की सूची उपलब्ध कराने के साथ ही उनको तैयारी में जुटने के लिए भी कहा है।