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Corona Omicron Variant : सांसों की कमी से न हो कोई मौत सड़कों तक न जले चितांए, दूसरी लहर का अनुभव अब आएगा काम

locationमेरठPublished: Dec 06, 2021 10:37:05 am

Submitted by:

Kamta Tripathi

Corona Omicron Variant : मेरठवासी कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप अच्छी तरह से देख चुके हैं। दूसरी लहर में एक—एक सिलेंडर के लिए कैसे मारामारी मची हुई थी। अपने मरीजों की जान बचाने के लिए लोगों को पूरी—पूरी रात आक्सीजन सिलेंडर पाने के लिए लाइन में लगकर गुजारनी पड़ी थी। दूसरी लहर खत्म हुई तो आक्सीजन सिलेंडर की किल्लत भी दूर हुई। लेकिन अब ओमिक्रॉन की दस्तक ने एक बार फिर से मेरठवासियों को सतर्क कर दिया है।

Corona Omicron Variant : सांसों की कमी से न हो कोई मौत सड़कों तक न जले चितांए, दूसरी लहर का अनुभव अब आएगा काम

Corona Omicron Variant : सांसों की कमी से न हो कोई मौत सड़कों तक न जले चितांए, दूसरी लहर का अनुभव अब आएगा काम

मेरठ. Corona Omicron Variant : मेरठ के चिकित्सकों और प्रशासन ने पहली लहर और दूसरी लहर से बहुत कुछ सीखा है। उसी लहर में मिले अनुभव के आधार पर अब ओमिक्रॉन की दस्तक से पहले ही तैयारियां शुरू की जा चुकी है। जिले में अब कोरोना संक्रमण के कारण आक्सीजन की कमी आड़े नहीं आएगी। पुराने आक्सीजन प्लांटों (oxygen plants) और नए आक्सीजन प्लांटों के नट बोल्ट अब कसे जाने लगे हैं। पहली और दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी से हाहाकार मच गया था। उसी से सीख लेते हुए ओमिक्रोन वैरिएंट (Corona Omicron Varian) की दस्तक मात्र से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने आक्सीजन प्लांटों को दुरूस्त करना शुरू कर दिया है। सरकारी एवं निजी अस्पतालों में लगाए गए प्लांटों एवं कंसंट्रेटरों (
concentrators) की जांच-पड़ताल की जा रही है। प्लांट को संचालित कर देखा जा रहा है कि आपात स्थिति में आक्सीजन की स्थिति सुधरेगी या नहीं।

पहली और दूसरी लहर में खड़ा हुआ था आक्सीजन का संकट
सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि कोरोना का पहला केस 2019 में दुनिया में आया था। इसके बाद देश में जनवरी 2020 में इसका पहला केस मिला था। वहीं मेरठ में 25 मार्च 2020 को पहला केस सामने आया था। उसके बाद 2020 में ही सितंबर-अक्टूबर तक वायरस ने बड़ी तबाही मचाई थी। इसके बाद मार्च 2021 में आई दूसरी लहर में तो कोरोना ने सभी के हौसले पस्त कर दिए थे। सड़कों पर लाशें जलाई गई थी कब्रिस्तान में शवों को दफनाने के लिए मिटटी कम पड़ गई थी। इस दूसरी लहर में एक-एक दिन में 50 से अधिक संक्रमितों की मौत हुई थी। ये वो दौर था जब आक्सीजन का भारी संकट खड़ा हुआ था और अधिकतर संक्रमितों की मौत सांसो की कमी के चलते हुई थी।
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तीसरी लहर से निपटने के लिए यह है स्थिति
जिले में अब तीसरी लहर से निपटने की पूरी तैयारी है। इस समय मेरठ में कुल 27 आक्सीजन प्लांट हैं। जिनमें 12 सरकारी और 17 प्राइवेट हैं। मंडल में कुल 92 आक्सीजन प्लॉट हैं। जिले में 591 आक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं।
आईएमए (IMA) के साथ बनाई जा रही वैरिएंट से निपटने की योजना
ओमिक्रोन की बढ़ी रफ्तार को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी है। सीएमओ डा. अखिलेश ने आइएमए अध्यक्ष डा. रेनू भगत और अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ मीटिंग कर नए वैरिएंट से निपटने की योजना बनाई है। सीएमओ ने उनसे इलाज के लिए तैयार रहने वाले निजी अस्पतालों की सूची उपलब्ध कराने के साथ ही उनको तैयारी में जुटने के लिए भी कहा है।
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