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ग्राउंड में प्रैक्टिस कर रहे भाई-बहन पर हमला, फिर गोलियों की तड़तड़ाहट से विश्वविद्यालय कैंपस में दहशत यदि किसी व्यक्ति को दूसरे जनपद में गाड़ी बेचनी होती थी तो फार्म नंबर 28 डाउनलोड करना पड़ता है, उसके बाद उसे एनओसी के लिए गाड़ी के सभी कागजात लगाकर एप्लाई करना होता है। फिर आरआई की रिपोर्ट लगने के बाद एसएसपी कार्यालय में ये रिपोर्ट भेजी जाती है। फिर वाहन की रिपोर्ट आने के बाद आरटीओ से एनओसी जारी की जाती है। विभागीय लोगों का कहना है कि पुलिस के पास सभी वाहनों का रिकार्ड होता है। किसी भी गाड़ी का दुर्घटना आदि का आनलाइन रिकार्ड पुलिस के पास दर्ज होता है।
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अफसरों ने आदेश नहीं माने तो डीएम ने लिया ये कड़ा एक्शन ऐसे में दूसरे जनपद में गाड़ी बेचने के लिए लोगों को खुद से एनओसी नहीं लगानी पड़ेगी, बल्कि विभाग आनलाइन ही एसएसपी कार्यालय से खुद ही ले लेगा। हालांकि अभी तक लोगों को इसके लिए फीस नहीं देनी पड़ती, लेकिन एनओसी के लिए चक्कर बहुत काटने पड़ते हैं और जेब भी हल्की करनी पड़ती है। अब परिवहन विभाग के नए नियम से लोगों को राहत मिलेगी। आरटीओ डा. विजय कुमार का कहना है कि विभाग आनलाइन एनओसी चेककर करने पर काम कर रहा है। इसमें अभी दो महीने का वक्त लग सकता है।