संतरा और मौसमी को इस मामले में अधिक फायदेमंद बताया जा रहा है। इसमें विटामिन सी की पर्याप्त के साथ रोगों से लड़ने की क्षमता भी अधिक होती है। लॉकडाउन में अन्य फल भले ही कम दामों पर बिक रहे हों, लेकिन यहां मौसमी के रेटों में उछाल आया है। 30 से 40 रुपये किलो की दर से बिकने वाली मौसमी अब इस समय 50 से 70 रूपये किलो तक बिक रही है। फल मंडी के आढ़ती नौशाद बताते हैं कि मंडी में भी 300 से लेकर 400 रुपये प्रति पांच किग्रा के हिसाब से आढ़ती थोक बिक्री कर रहे हैं। दुकानदार इसमें दस रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी कर मौसमी ग्राहकों को दे रहे हैं।
बता दें कि लॉकडाउन के शुरुआती चरण में फल और सब्जियों की बाहर से आवक रुक गई थी। इस वजह से जिनके पास फल और सब्जी का स्टॉक था। वह जल्द ही स्टॉक खत्म करने के चक्कर में खरीद के हिसाब से ही जरूरतमंदों तक वह सामान पहुंचाने लगे। चिकित्सकों ने बताया कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होनी चाहिए। इसलिए उन्होंने मौसमी को ही मुफीद बताया। चूंकि मौसमी विटामिन सी की कमी को पूरा करती है, इसलिए उसका सेवन ज्यादा करने की सलाह दी। चिकित्सकों की राय सुनकर लोगों ने मौसमी की बिक्री शुरू कर दी। मौजूदा वक्त में स्थानीय मंडी समिति में महाराष्ट्र से मौसमी आ रही है।
फिजीशियन डॉ. प्रवीण पुंडीर का कहना है कि मौसमी में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है, जो इम्युनिटी बढ़ाती है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए मौसमी काफी हद तक कारगर है। इस वजह से परिवार के सभी सदस्यों को जूस के बजाए मौसमी खिलाने पर ज्यादा जोर दें। उन्होंने बताया कि ये नीबू प्रजाति का फल होता है लेकिन नीबू से अधिक लाभकारी होता है। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है और ब्लड प्रेशर की बीमारी से भी निजात दिलाता है।