मेरठ

नए साल में इन कारणों से फिर बनेंगे नोटबंदी जैसे हालात, इसके लिए रहें तैयार, देखें वीडियो

नियमों में बदलाव से एटीएम संचालन मुश्किल हो जाएगा बैंकों के लिए
 

मेरठNov 24, 2018 / 08:58 pm

sanjay sharma

नए साल में इन कारणों से फिर बनेंगे नोटबंदी जैसे हालात, इसके लिए रहें तैयार

केपी त्रिपाठी, मेरठ। अगर आप रुपये की निकासी के लिए बैक पर नहीं एटीएम पर पूरी तरह से आश्रित हैं तो आपको अपनी ये आदत बदलनी होगी। क्योंकि आने वाले नए वर्ष में मेरठ के करीब 50 फीसदी एटीएम बंद हो जाएंगे। एटीएम के संचालन के लिए आरबीआई और कैटमी यानी कन्फेडरेशन आफ एटीएम इंडस्ट्री ने नियामकीय बदलाव किए हैं। जिसके तहत बैंकों के लिए एटीएम का संचालन करना काफी मुश्किल हो जाएंगे। वैसे भी इस समय बैंकों को एटीएम का संचालन काफी मुश्किल हो रहा है और बैंकों को अतिरिक्त खर्चे का बोझ उठाना पड़ रहा है। देश भर में वर्तमान में करीब दो लाख पचास हजार एटीएम संचालित हो रहे हैं। कन्फेडरेान आफ एटीएम इंडस्ट्री यानी कैटमी ने चेतावनी जारी की है जिसमें कहा गया है कि एटीएम बंद होने से हजारों नौकरियां छिनेगी और फाइनेंशियल इन्क्लूजन से जुड़ी सरकार की कोशिशों को भी भारी धक्का लगेगा। मेरठ जिले की आबादी करीब 40 लाख से अधिक है। मेरठ की इतनी आबादी के बीच जिले में 300 एटीएम विभिन्न बैंकों के हैं। बात महानगर की करें तो यहां पर 80 प्रतिशत लोग नकद निकासी के लिए एटीएम के भरोसे ही है। वे बैंकों की ओर जाते तक नहीं।
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नोटबंदी जैसे दिन इसलिए झेलने पड़ेंगे

नोटबंदी में हुई परेशानी के बाद एक बार फिर से आपको कैश की किल्लत से जूझना पड़ सकता है। कैश की यह किल्लत नए साल में हो सकती है। दरअसल, बीते दिनों एटीएम की संस्था कन्फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री की रिपोर्ट के मुताबिक नए नोट के अनुरूप एटीएम को अपग्रेड करने में भारी भरकम खर्च की संभावना व्यक्त की जा रही है। बैंकों ने सरकार से इस खर्च को वहन करने से मना कर दिया है। आरबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि सेवा प्रदाता कंपनियां मार्च 2019 तक देशभर में करीब 1ः13 लाख एटीएम बंद कर सकती है। अगर इतने एटीएम बंद होते हैं तो यकीनन लोगों को फिर से नोटबंदी जैसे माहौल का सामना करना पड़ सकता है। मेरठ जिले की बात करें तो शहर में तकरीबन 300 एटीएम है। इसमें शहरवासियों की 80 फीसदी आबादी एटीएम पर ही निर्भर है। संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता का कहना है कि नोटबंदी के बाद डिजिटल ट्रांजेक्शन के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है, लेकिन लोग आज भी जेब में नोट रखने के लिए एटीएम का ही सहारा लेते हैं। अब ऐसे में अगर एटीएम बंद होते हैं तो यकीनन नोटबंदी जैसे हालात फिर से देखने को मिल सकते हैं।
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ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में होगी बढ़ोतरी

इस बारे में लीड बैंक के अधिकारी नवीन खाती ने बताया कि अगर ऐसा होता है तो फिर से लोगों के बीच डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ेगा। नोटबंदी के दौरान ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढ़ा था, लेकिन उसके बाद फिर इसमें कमी आ गई।
चिप वाले मिलेंगे एटीएम

लीड बैंक सिंडिकेट के मैनेजर के. दुग्गल के अनुसार एटीएम साफ्टवेयर अपडेट होने के बाद सभी बैंक नए चिप वाले एटीएम देंगे। इसके लिए एटीएम धारकों से कोई रकम नहीं वसूली जाएगी। दिसंबर के बाद से बिना चिप वाले सभी एटीएम ब्लॉक हो जाएंगे। एसबीआई के मैनेजर एसबी शाह ने बताया कि एटीएम को अपडेट करने के लिए ही एटीएम को बंद करने की बात कही जा रही है। चूंकि बैंकों को अपने एटीएम अपडेट करने में भारी-भरकम पूंजी की व्यवस्था करनी होगी। इसलिए अधिकांश बैंक अपने 50 प्रतिशत एटीएम को बंद कर देंगे।
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