कोर्ट में आज बहस के बाद हाईकोर्ट ने किसी भी तरह राहत देने से मना किया। मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने इस पर टिप्पणी देते हुए कहा कि इस मामले में कतई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। इस पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्रा और जस्टिस रजनीश कुमार की डिवीजन बेंच में हुई। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद अब याकूब कुरैशी और उनके परिवार की मुश्किलें और अधिक बढ़ गयी हैं। अब पूरे परिवार पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है।
यह भी पढ़े : आप सत्ता में होती तो श्रीलंका से भी भयानक हालात भारत के होते : जनरल वीके सिंह याकूब कुरैशी और उसके परिजनों पर अवैध रूप से मीट फैक्ट्री संचालित किए जाने के मामले में एफआईआर दर्ज है। बता दें कि 31 मार्च को याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री से छापेमारी में 5 करोड़ का मांस बरामद हुआ था। जिसके बाद हाजी याक़ूब कुरैशी के साथ ही पत्नी संजीदा बेगम और दोनों बेटों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई थी। 31 मार्च को मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही याकूब कुरैशी और उसका परिवार भूमिगत है। पुलिस ने सरेंडर करने के लिए हाजी याकूब कुरैशी के घर कुर्की का नोटिस भी चस्पा किया है। लेकिन उसके बाद भी हाजी याकूब कुरैशी उसकी पत्नी और उसके दोनों बेटों ने सरेंडर नहीं किया।