ये होगी नए नियम के अनुसार प्रकिया
उत्तराधिकार के मामलों में नामांतरण के लिए वारिस को राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। रिपोर्ट में मामला विवादग्रस्त नहीं होना चाहिए। इसके अलावा उत्तराधिकारी का खतौनी में अभिलिखित अभिलेख होना चाहिए। कृषि विभाग के अधिकारियों को उनके कार्य क्षेत्र का विवरण निर्धारित करना होाग। मृतक लाभार्थी के आश्रित को मृत्यु की सूचना देने के साथ यह भी बताना होगा कि वो क्यों इस योजना के पात्र बनना चाह रहे हैे। इसके बाद वारिसों को पीएम किसान के लाभार्थी के रूप में चिन्हित किया जाएगा। इतना ही नहीं सूचना प्राप्त होने पर मृतक लाभार्थी का जिला स्तर पर ही स्टॉप पेमेंट संबंधित उप निदेशक, कार्यालय द्वारा किया जाएगा एवं उस प्रकरण का विवरण साक्ष्य सहित निदेशालय को भेजना होगा।
उत्तराधिकारियों को मिलेगा योजना का लाभ
पीएम किसान योजना की गाइड-लाइन के अनुसार मृत लाभार्थी के वैध उत्तराधिकारियों को यदि वे योजना की गाइड-इान के अनुसार पात्रता श्रेणी में आते हैं तो समस्त औपचारिकताएं तथा अभिलेख आदि का सत्यापन कराते हुए राजस्व विभाग से पुष्टि एवं संस्तुति के उपरांत उनका पीएम किसान योजना के लाभार्थी के रूप में ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा। इसके बाद उनको पीएम किसान योजना की धनराशि दी जाएगी।