यह भी पढ़ेंः दुबई के युवक से चैंटिंग के बाद फेसबुक पर ‘द स्टार्ट आफ ए न्यू जर्नी’ लिखकर गायब हो गई युवती, देखें वीडियो बरसात के मौसम में हवा बिल्कुल स्वच्छ थी। जुलाई से सितंबर तक जिले का एक्यूआर्इ 80 से ऊपर नहीं गया। अक्टूबर में एक्यूआई बढ़ना शुरू हुआ और दिवाली से पहले 270 तक पहुंच गया। दीपावली के बाद पटाखों से प्रदूषण की ऐसी चिगारी फूटी, कि मेरठ जिले के साथ ही आसपास के जिले भी जहरीली गैस का चैंबर बन गए। इसके बाद हवा साफ भी हुई तो पूरी तरह स्वच्छ नहीं हो पाई। इसके बाद मौसम में नमी बढ़ गई और प्रदूषण फिर से बढ़ना शुरू हो गया। बीती बुधवार को जिले का एक्यूआर्इ 360 रिकार्ड किया गया। जबकिआज सुबह गुरूवार को एक्यूआर्इ बढ़कर 397 के स्तर पर पहुंच गया। जैसे-जैसे हवा जहरीली हो रही है, वैसे-वैसे लोगों की दिक्कतें भी बढ़ रही हैं। बावजूद इसके महानगर के कई स्थानों पर लगे कूडे के ढेर में आग लगाकर उसको जलाया जा रहा है।
यह भी पढ़ेंः मंत्री ने कहा- आईटीआई से जुड़ेंगी गौशालाएं, खुलेंगे नए संस्थान और शुरू होंगे ये कोर्स बीती बुधवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में सांस में परेशानी की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों का आंकड़ा 500 के पार पहुंच गया। वहीं नेत्र रोग विभाग में भी 680 लोग आंखों में जलन होने आंखों में इंफेक्शन होने के पहुंचे। कुछ ऐसी ही परेशानी ह्दयरोगियों को भी हो रही है। चिकित्सकों का कहना है कि प्रदूषण का स्तर ऐसे ही बना रहा तो अगले चार दिन में स्वच्छ लोगों को भी बीमार कर देगा। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि ऐसे प्रदूषण में दवा से ज्यादा बचाव की जरुरत है। जब तक प्रदूषण कम नहीं हो ज्यादा कम से कम बीमार लोग मार्निंग वाक बंद कर दें। मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलें।
क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी डा. आरके त्यागी ने बताया कि वातावरण में नमी के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। अगले दो दिन बाद प्रदूषण गिरना शुरू हो जाएगा। सुबह के समय एक्यूआर्इ 397 रिकार्ड किया गया। उन्होंने लोगोंं से सहयोग करने और सावधानी बरतने की अपील की है।