मामला बड़ौत कोतवाली क्षेत्र का है। अपहरण की यह वारदात 12 जुलाई 2018 की है, जब हारून नाम के एक लोहा व्यापारी का कुछ बदमाशों ने उस समय अपहरण कर लिया था, जब वह अपनी कार से मेरठ -सराय हाई-वे से होते हुए जा रहे थे। अपहरण की वारदात को दिनदहाड़े पुलिस की वर्दी में अंजाम दिया गया था। पहले तो शक था कि शायद किसी और जनपद की क्राइम ब्राच टीम व्यापारी को ले गई हो, पुलिस इस पहेली में उलझी ही थी तभी हारून की लोकेशन गाजियाबद के मसूरी में ट्रेस की गई। इसके बाद बाद पुलिस टीम जब डासना पहुंची तो बदमाश व्यापारी को छोड़कर फरार हो गए थे। पुलिस लोहा व्यापरी हारून को सकुशल बरामद कर लाई थी, लेकिन बदमाश लगातार उस पर 50 लाख की रंगदारी का दबाव बना रहे थे। पुलिस की तफ़्तीश भी जारी थी और पुलिस ने कुछ दिन बाद कादिर नाम के एक युवक को गिरफ्तार कर लिया और उसके बाद पुलिस बाकी लोगों की तलाश में जुट गई। आखिरकर पुलिस को क़ामयाबी मिली और पुलिस ने 4 और अपहरणकर्ताओं को दबोच लिया। जहां पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पूरी साजिश का मास्टर माइंड दिल्ली पुलिस का एक सिपाही रविन्द्र ढाका है, जो मूलतः बागपत के थाना चाँदीनागर क्षेत्र का रहने वाला है और फिलहाल दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके में रहता है। रविन्द्र जल्द ज्यादा दौलत हासिल करना चाहता था, जिसके लिए उसने इस साजिश को रचा और इस साजिश में अपने अलावा 9 और लोगों को शामिल किया, जो दिल्ली-गाजियाबाद के रहने वाले हैं। इनमें से पुलिस ने एक कादिर को पहले ही जेल भेज दिया था, जबकि चार आरोपी अमीर, वसीम, असलम और अरमान को गिरफ्तार कर मास्टरमाइंड सिपाही रविन्द्र ढाका , नदीम ,निज़ाम , राहुल और एक अन्य फरार है की तलाश तेज कर दी है।