दरअसल नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर निवासी मुजम्मिल के घर जाकर कुछ दिन पहले एक दारोगा ने कोर्ट में जमानत देने के संबंध में पूछताछ की थी। उन्होंने जमानत देने से इन्कार कर दिया। दारोगा ने कागजात दिखाए तो पता उनका था, लेकिन फोटो किसी और का था। इसकी शिकायत मुजम्मिल ने क्राइम ब्रांच में की। मुजम्मिल ने बताया कि कुछ दिन पहले उसने शहजाद और रिजवान निवासी सराय खैरनगर को लोन के लिए कागजात दिए थे।
इस पर क्राइम ब्रांच की टीम ने दोनों को पकड़ लिया और पूछताछ की। पूछताछ में उन्होंने बताया कि लोन और जमानत के लिए वह फर्जी कागजात तैयार करते थे। लैपटाप पर फोटोशाप की मदद से इस काम को अंजाम दे रहे हैं। उनके पास से दो मोबाइल, एक आधार कार्ड और करीब डेढ़ हजार रुपये भी बरामद हुए। नौचंदी थाने में दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई। शहजाद नौवीं पास है। साथ ही उसने अपने कई नाम जैसे मुजम्मिल और इकरामुद्दीन भी रखे हुए थे। रिजवान आठवीं पास है।
दोनों ने बताया कि लोगों से लोन कराने के नाम पर आधार कार्ड, पैन कार्ड और प्रापर्टी के कागजात ले लेते थे। इसके बाद साफ्टवेयर की मदद से अपना या फिर किसी और का फोटो लगा लेते थे। फर्जी कागजातों की मदद से लोन, जमानत और सिम भी ले लेते हैं। मुजम्मिल के नाम पर भी कई खातों का पता चला है, जिन्हें बंद कराया जा रहा है। एक अन्य व्यक्ति इकरामुद्दीन के नाम पर सिम भी ले चुके हैं।