मेरठ

हनीट्रैप: Social Media पर चल रहा था दोस्ती और अश्लीलता का खेल, युवकों से ठग लिए गए करोड़ों रुपये

Highlights:
-राजस्थान के रामगढ में बैठकर देशभर में ब्लैकमेलिंग
-लड़की बनकर करते थे चैटिंग और वीडियो काल्स
-अश्लील वीडियो और चैट को वायरल करने की देते थे धमकी

मेरठNov 03, 2020 / 10:17 am

Rahul Chauhan

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ। फेसबुक और व्हाट्सएप पर प्रोफाइल देख कर सैकड़ों रईसजादों को फंसाकर उनसे लाखों रुपए ऐंठ लिए। यह सारा खेल राजस्थान के रामगढ़ गांव में बैठकर पूरे देश में चलाया जा रहा था। बदमाश इस खेल में देशभर के हजारों लोगों को ब्लैकमेलिंग कर करोडों रुपये झटक चुके थे। हनी ट्रैप में फंसे लोगों की शिकायत के बाद मेरठ सर्विलांस सेल ने बड़ा खुलासा किया है। इस संबंध में थाना सिविल लाइन में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसके बाद पूरा मामला खुलता चला गया।
दरअसल, सर्विलांस टीम ने ऐसे गिरोह का भंड़ाफोड़ किया है जो कि फेसबुक—वाट्सअप पर लड़की बनकर अश्लील वीडियो बनाकर और वीडियो काल कर ब्लैकमेल करता था और उनसे रूपये वसूलता था। इस गिरोह के तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं। तीनों जिला अलवर राजस्थान के रहने वाले हैं। इनके नाम हनीफ खान ग्राम हसनपुर थाना रामगढ, कल्लू खान निवासी ग्राम चौकी, पिपरौली थाना रामगढ, मौसम निवासी ग्राम मिलखेडा, थाना रामगढ है। जबकि फरार अभियुक्तों के नाम साहिल निवासी ग्राम पाटला थाना रामगढ, रफीक खान निवासी ग्राम हसनपुर थाना रामगढ जिला अलवर हैं। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए अभियुक्त फेसबुक व मैसेन्जर पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दोस्ती करके उनका वाट्सअप नम्बर लेकर उस पर लडकी बनकर चैंटिग व विडियो कॉल करके झांसे में फंसा कर अश्लील विडियों व अश्लील चैट बनाकर ब्लैकमेल करते थे।
जिला अलवर से 35 किमी दूर रामगढ थानाक्षेत्र में अरावली पहाडियों के निकट बसे विभिन्न ग्रामों में निवास करने वाले युवक जो फेसबुक, वाट्सअप, ओएलएक्स के माध्यम से घर बैठे ही देश के सभी राज्यों में लोगों को लड़की की फोटो व विडियो के द्वारा हनी ट्रैप में फंसाकर अपने पे-टीएम/यूपीआईआईडी में लाखों रूपयें डलवा लेते हैं और लगातार उनकों विडियों व फोटो का भय दिखाकर धनराशि प्राप्त करते रहते हैं। ग्राम रामगढ जिला अलवर, राजस्थान का यह गिरोह मुख्य रूप से ऐसे व्यक्तियों को अपना निशाना बनाते है जो किसी धर्म, जाति या व्यवसाय में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और फेसबुक अकाउन्ट देखने से उक्त व्यक्ति सामाजिक व आर्थिक रूप से सम्पन्न दिखाई देता है। पहले फेसबुक पर उक्त व्यक्तियों से लड़की बनकर और लड़की का प्रोफाइल फोटो लगाकर फेसबुक मैसेन्जर पर दोस्ती करते है और चैटिंग करते हुए यह गिरोह उन्हें अपना वाट्सअप नम्बर देकर और उनका वाट्सअप नम्बर लेकर आपस में विडियों काल व चैटिंग करने लगते हैं। फिर इस गिरोह के सदस्य उस व्यक्ति से अश्लील चैंटिंग एवं अश्लील व नग्न फोटोग्राफों का आदान प्रदान करने लगते है।
इस प्रकार विश्वास होने पर रात्रि यह गिरोह अपने शिकार की नग्न अवस्था में अश्लील विडियों बना लेते हैं और उसको उसी व्यक्ति के वाट्सअप पर भेज कर उससे अपने पे-टीएम/यूपीआई अकाउन्ट में पैसे डालने को कहते है। पैसा न डालने पर उनके फेसबुक अकाउन्ट में शामिल उनके परिवार के सदस्यों, विशिष्ट व्यक्तियों के फेसबुक अकाउन्ट पर उनकी नग्न विडियों डालकर उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को बदनाम करने का भय दिखा कर उनसे अपने अकाउन्ट में लाखों रूपये डलवा लेते थे।
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