मेरठ में नकली डीजल बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी, यहां से मिले सामान से पुलिस भी हैरान
मेरठ। मेरठ के थाना किठौर क्षेत्र के शाहजहांपुर में अवैध रूप से चल रहे नकली डीजल बनाने की फैक्ट्री का खुलासा हुआ है। इस फैक्ट्री से नकली डीजल जिले के कई हिस्सों में सप्लाई हो रही थी। यह फैक्ट्री कई वर्षों से चल रही थी। फैक्ट्री चलाने की एवज में इसका मालिक कई विभागों को ऊपर तक मोटा रूपया देता था। मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह भी पढ़ेंः पलायन के मुद्दे पर भाजपाइयों ने प्रहलाद नगर में डाला डेरा, दिया ये आश्वासन, देखें वीडियोहजारों लीटर नकली डीजल पकड़ा किठौर थाना क्षेत्र के शाहजहांपुर में शुक्रवार को पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने अवैध रुप से चल रहे तेल गोदाम व नकली डीजल बनाने की फैक्ट्री पकड़ी है। टीम ने नकली डीजल बनाने की फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर हजारों लीटर डीजल और उसे बनाने का समान भी जब्त किया है। पुलिस के अनुसार मौके से भारी मात्रा में मिट्टी का तेल भी बरामद हुआ है। गोदाम मालिक टोनी को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। बताया गया कि दो साल पहले भी पुलिस ने यहां से सत्तर ड्रम मिट्टी का तेल पकड़ा था। जहां तेल, गैस व पेट्रोल का बड़ा व्यापार होता था। दो बार इसी फैक्ट्री में भीषण आग भी लग चुकी है। पुलिस ने उस समय सांठगांठ कर मामले को दबा दिया था।
यह भी पढ़ेंः मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में मरीज की मौत के बाद जूनियर डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई, एक बर्खास्तकई बार हो चुकी थी शिकायत इस तेल गोदाम के कारण कस्बा आग के मुहाने पर बैठा हुआ था। कभी भी भीषण हादसा हो सकता था। इससे पहले ही इस फैक्ट्री पर पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने छापेमारी कर दी। इसकी शिकायत पहले भी कई बार की जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती थी। गुपचुप तरीके से कार्रवाई कर इसका भंड़ाफोड़ किया गया।
यह भी पढ़ेंः VIDEO: मेरठ में ‘लैंड जेहाद’ के विरोध में इस हिन्दू संगठन ने किया जोरदार प्रदर्शनमिट्टी के तेल से बनाया जाता है डीजल मिट्टी के तेल की ब्लैक मार्केटिंग का मुख्य कारण इससे डीजल बनाना है। मिट्टी के तेल से डीजल बनाने का धंधा क्षेत्र के कई गांवों में खूब फल-फूल रहा है। मिलावटी डीजल के इस कारोबार से जुड़े कारोबारी निर्धारित दर से अधिक कीमत देकर कोटेदारों से ड्रम के ड्रम मिट्टी का तेल खरीद लेते है। बताया जाता है कि नीले रंग के सरकारी मिट्टी के तेल को गांव में पीला करके खुलेआम बेचा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक नीले तेल में सल्फ्यूरिक एसिड केमिकल डालकर पहले सफेद और फिर पीला करके डीजल का रूप दे दिया जाता है। मिट्टी के तेल में केमिकल इस तरह से मिलाए जाते हैं कि लोग असली व नकली डीजल की पहचान भी नहीं कर पाते है। ये सिर्फ जांच में ही पता चल पाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों के ये कारोबारी नकली डीजल ऊंचे दामों में बेचकर अपनी जेबें भरते है।
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