मामला नेशनल मीडिया में छाने के बाद भी पुलिस अंजान
मेरठ में लैंड जिहाद का मामला पूरे नेशनल मीडिया में छाया हुआ है। लेकिन यहां की पुलिस को इस मामले की कोई जानकारी ही नहीं है। पत्रिका संवाददाता ने जब इस मुद्दे को मेरठ की एसएसपी मंजिल सैनी के सामने उटाया तो उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई शिकायत उनके पास नहीं आई है। अगर कोई शिकायत आती है तो वे उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। कोई किसी को भी अपनी संपत्ति बेचे इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
अधिवक्ता ने हिन्दूवादी संगठनों के कदम को बताया असंवैधानिक
अधिवक्ता ने हिन्दूवादी संगठनों के लैंड जिहाद के शिगूफे को असंवैधानिक करार दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह धामा का कहना था कि कानून सभी के लिए बराबर है। कोई कहीं भी मकान और जमीन की खरीद-फरोख्त कर सकता है। देश के कुछ विशेष हिस्सों के छोड़कर बाकी कहीं भी कोई भी जो इस देश का निवासी है मकान खरीद और बेच सकता है। यह कानून की किसी किताब में नहीं लिखा कि हिन्दू का मकान मुसलमान और मुसलमान का मकान हिन्दू नहीं खरीद सकता। सभी इस देश के नागरिक हैं और सभी को बराबर का हक है।
यह है मामला
दरअसल, लव जेहद के बाद अब हिन्दूवादी संगठनों ने लैंड जेहाद का शिगूफा छेड़ दिया है। विश्व हिन्दू परिषद और आरएसएस का आरोप है कि मुसलमान लोग हिन्दू आबादी के बीच जमीन या मकान खरीदकर हिंदुओं के मुहल्ले में घुसपैठ कर रहे हैं। इसके साथ ही विहिप के सह प्रांत संगठन मंत्री सुदर्शन चक्र महाराज ने आरोप लगाया है कि सांप्रदाय विशेष लोग धार्मिक स्थल और धार्मिक आयोजन के नाम पर जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने देश विरोधी गतिविधियों का संचालन करने का भी आरोप लगाया है।
तीन मामले आ चुके हैं सामने
मेरठ के मोरीपाडा का एक मामले ने देशभर में खूब सुर्खियां बटोरी है। यहां विश्व हिन्दू परिषद ने तूल देते हुए मुस्लिम समुदाय के युवक को हिन्दू समुदाय से मकान खरीदने के बाद भी कब्जा लेने नहीं दिया था। लेकिन पत्रिका की तहकीकात में इस तरह के कई मामले मेरठ के प्रहलाद नगर और शास्त्रीनगर की मिश्रित आबादी में आ चुके हैं। जहां हिन्दू संगठनों के दखल के बाद मकान मालिक की मर्जी के बाद भी मकान बेचने नहीं दिया। इसके बाद मकान मालिक को खरीदा हुआ मकान वापस करना पड़ा।
प्रहलाद नगर में गुड्डू नारंग ने अपना मकान पीरवाली गली निवासी सिराजुद्दीन को बेचा था। इसका पता जब हिन्दूवादी संगठनों को चला तो उन्होंने गुड्डू को बुलाकर पहले तो मकान बेचने के लिए मना किया, लेकिन जब गुड्डू ने कहा कि उसने पांच लाख रूपए बयाना ले लिया है तो हिन्दूवादी संगठन ने मकान खरीदार सिराजुद्दीन को बुलाया और पांच लाख रूपए वापस कर दिए। इतना ही नहीं उसे यह भी हिदायत दी गई कि वह उस इलाके में मकान न खरीदें।
ऐसा ही एक और मामला शास्त्रीनगर के सेक्टर 11 का है। वहां पर विनय नामक युवक का मकान सेक्टर दस निवासी तारिक ने 22 लाख में तय कर लिया। इस मामले में भी हिन्दू संगठन ने अपनी टांग अडाई और विनय ने जो दो लाख रूपए बयाने के लिए थे वो वापस करने पड़े। मामले की पड़ताल जब पत्रिका ने की तो दोनों मामले में पीड़ितों ने कैमरे के सामने मुंह खोलने को तैयार नहीं हुए। पीड़ित लोगों का यही कहना था कि अगर हम अपने मेरठ में भी अपनी पसंद का मकान या घर नहीं खरीद सकते तो और कहा जाएं।