पुंडरीक महाराज ने बताया कि नवरात्रि के समय हम प्रकृति की पूजा करते हैं। इक्विनॉक्स वो समय भी है जब प्रकृति में असीम ऊर्जा का संचय होता है। उन्होंने कहा कि इस देश में देवी का पूजन करते हैं और दूसरी तरफ उनके स्वरूप वाली स्त्री पर अत्याचार होता है। वास्तव में स्त्री का संपूर्ण जीवन ही नौ देवियां हैंए हम इनको माताओं से जोड़ते हैं। जन्म लेती हुई कन्या ही शैलपुत्री है तो हम भ्रूण हत्या की बात सोच भी कैसे सकते हैं! विवाह के पूर्व चंद्रमा की तरह निर्मल रहने वाली बेटी ही चंद्रघंटा है। नए जीवन को जन्म देने वाली और गर्भ धारण करने वाली स्त्री ही कुष्मांडा है। संतान को हृदय से लगाकर दूध पिलाने वाली स्त्री ही स्कंध माता है।