यमुना प्राधिकरण क्षेत्र बनने वाली फिल्म सिटी की प्रगति की समीक्षा करने आए उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव ने हैरानी जताते हुए कहा कि मुंबई, हैदराबाद में फिल्म सिटी है, लेकिन उत्तर प्रदेश में इस बारे में नहीं सोचा गया। यहां फिल्म सिटी बनाने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कदम सराहनीय है। मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री को यहां शिफ्ट नहीं किया जा रहा है, बल्कि यह सुविधाओं का विस्तार है। जहां लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। वह वहीं जाएंगे। यमुना प्राधिकरण में विकसित होने वाली फिल्म सिटी में फिल्म निर्माण की सभी सुविधाएं होंगी। प्री से लेकर पोस्ट प्रोडक्शन का काम यहां होगा।
राजू श्रीवास्तव ने मुंबई फिल्म सिटी में अपने अनुभव और दर्द को छिपा नहीं पाये और कहा कि प्रदेश में प्रतिभाएं मुंबई में काम के लिए भूखे-प्यासे भटक रहे हैं। मौका न मिलने का दर्द उनमें दबा है। फिल्म सिटी उनके सपनों को सच करेगी। कलाकारों को घर बैठे रोजगार और प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। फिल्म सिटी में इंस्टीट्यूट, प्रशिक्षण अकादमी काम करने वालों के लिए रहने की व्यवस्था के साथ स्टूडियो, विभिन्न लोकेशन, होटल आदि होंगे। प्रदेश सरकार स्थानीय भाषा की फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी देती है, इसके लिए कंटेंट की जांच होती है, लेकिन वेब सिरीज इसमें शामिल नहीं है। इसलिए कंटेंट की जांच नहीं हो पाती।
यह भी देखें: राजधानी में बिगड़े नवाबों का तांडव उन्होंने कहा कि यह अभी तक सेंसर के दायरे में नहीं है, लेकिन इसके लिए अलग सेंसर बॉडी बनाने की जरूरत है। इस पर सुझाव मांगे जा रहे हैं। फिल्म जगत से जुड़े लोगों द्वारा कृषि कानून विरोधी धरने को लेकर किए गए ट्वीट पर होने कहा कि देश की एकता को बढ़ाने वाले ट्वीट स्वागत योग्य हैं जो अलगाव पैदा करें, उनका विरोध होना चाहिए।