जेलर राजेंद्र सिंह ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन करीब 1400 से 1600 बहनें जेल आती हैं। इसको देखते हुए त्योहार वाले दिन सुबह सात बजे से पर्ची बननी शुरू हो जाएगी। नियमानुसार जो भी महिला जेल पर आएंगी, उसे हर दशा में भाई से मिलने का अवसर दिया जाएगा, भले ही शाम क्यों न हो जाए। जेल के रास्ते पर पानी और धूप से बचने की भी व्यवस्था बनाई गई है। जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि शासन स्तर से कोई अतिरिक्त गाइड लाइन नहीं आई है। ऐसे में मिलाई के लिए बनाए नियम ही यहां लागू होंगे। सुरक्षा के साथ-साथ साफ-सफाई, धूप से बचने के लिए और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।