scriptRakshabandhan 2022 : रक्षाबंधन पर्व रहेगा भद्राकाल मुक्त, भाइयों को इस शुभ मुहूर्त में रक्षासूत्र बांध सकेंगी बहनें | Raksha bandhan will remain free Bhadrakal Rakhi will be tie the sisters in this auspicious time | Patrika News

Rakshabandhan 2022 : रक्षाबंधन पर्व रहेगा भद्राकाल मुक्त, भाइयों को इस शुभ मुहूर्त में रक्षासूत्र बांध सकेंगी बहनें

locationमेरठPublished: Aug 08, 2022 08:43:46 pm

Submitted by:

Kamta Tripathi

Raksha bandhan 2022 क्या इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। इस बार रक्षाबंधन कब मनाया जाए, राखी कब बाँधी जायेगी 11 अगस्त या 12 अगस्त को। इसको लेकर बहनों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गुरुवार 11 अगस्त को भद्रा के कारण रक्षाबंधन का पर्व 12 अगस्त को मनाने की सलाह दे हैं तो वहीं कुछ ज्योतिषियों ने रक्षाबंधन को भद्रा से मुक्त बताया है।
 

Rakshabandhan 2022 रक्षाबंधन पर्व रहेगा भद्राकाल मुक्त, भाइयों को इस शुभ मुहूर्त में रक्षासूत्र बांध सकेंगी बहनें

Rakshabandhan 2022 रक्षाबंधन पर्व रहेगा भद्राकाल मुक्त, भाइयों को इस शुभ मुहूर्त में रक्षासूत्र बांध सकेंगी बहनें

Raksha bandhan 2022 इस बार रक्षाबंधन 2022 पर्व मनाने को लेकर काफी भ्रमित किया जा रहा है। रक्षाबंधन पर कुछ तिथियां ऐसी पड़ रही हैं जो कि 11 अगस्त को भी रहेंगी और 12 अगस्त को भी। लेकिन 11 अगस्त को भद्रा लगने के कारण बहनें भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधने को लेकर काफी भ्रमित हैं। माना जा रहा है कि 11 अगस्त को भद्रा का साया रहेगा और भद्रा में रक्षासूत्र नहीं बांधा जाता है। लेकिन ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक इस बार 11 अगस्त को लगने वाली भद्रा ना तो स्वर्ग में और ना ही पृथ्वीलोक में। 11 अगस्त को लगने वाली भद्रा पाताल में है। इस कारण से इसका कोई भी असर ब्राहांड पर नहीं पड़ने वाला है। ऐसे में 11 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व पर बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांध सकती है। मेरठ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्योदनी पूर्णिमा पंचांगानुसार 12 अगस्त की प्रातः 7ः06 बजे तक है जबकि दिन व्यापनी श्रावण पूर्णिमा गुरुवार 11 अगस्त को प्रातः 10ः39 से है। किन्तु भद्रा भी गुरूवार को सुबह 10ः39 से ही प्रारंभ होगी और रात 8ः51 तक रहेगी। जिसमे इस भद्रावधि में शास्त्रानुसार राखी बांधना अशुभ माना गया है। जबकि श्रवण नक्षत्र 11 अगस्त की प्रातः 6ः53 बजे से प्रारम्भ हो जाएगा जो अगली सुबह 4ः07 तक है। उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र प्रारम्भ होगा। जबकि श्रावण पूर्णिमा में श्रवण नक्षत्र की उपस्थिति बहुत ही शुभ रूप में महत्वपूर्ण होती है।

पुरुषार्थ चिंतामणि धर्म शास्त्र के अनुसार यदि भद्रा पूर्णिमा के दोपहर बाद में भी व्याप्त है जो 11 अगस्त गुरुवार को है तथा अगले दिन पूर्णिमा 3 प्रहरया उससे अधिक अवधि तक हो तो रक्षाबंधन दूसरे दिन मनाया जाना चाहिए। इस बार गुरुवार के अगले दिन 12 अगस्त शुक्रवार को तीसरे प्रहर तक पूर्णिमा नहीं है। बल्कि प्रथम प्रहर के प्रारंभ में ही सुबह 7ः06 बजे ही पूर्णिमा समाप्त होने के कारण 11 अगस्त को रक्षाबंधन होगा। भद्रा के पश्चात तथा उतरते प्रदोष काल में रक्षाबंधन करना चाहिए। इस प्रकार रक्षाबंधन पर्व 11 अगस्त 2022 को प्रदोष काल में भद्रा के पश्चात अर्थात रात्रि 8ः52 बजे से रात्रि 9ः13 तक किया जाना उचित रहेगा।
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भद्रा का पूंछ काल शुभ
जहाँ तक भद्रा का प्रश्न है पहले उसकी स्थिति को समझ लिया जाए। जिस प्रकार सर्प का मुख ही जहरीला, खतरनाक होता है पूंछ नहीं उसी प्रकार भद्रा का जहरीला मुख गुरुवार को शाम को 6ः19 से 8ः00 बजे तक रहेगा जो बिलकुल त्याज्य काल है। भद्रा पूंछ का शुभ काल शाम 5ः17 से 6ः18 बजे तक है जिसमे रक्षा सूत्र बांधना शुभ रहेगा। 11 अगस्त गुरूवार को प्रातः 10ः39 बजे से श्रावण पूर्णिमा प्रारंभ होगी उसी समय भद्रा भी प्रारंभ होगी जो रात्रि 8ः50 तक रहेगी। किन्तु चन्द्रमा मकर राशि में होने के कारण भद्रा न तो स्वर्गलोक में होगी न पृथ्वीलोक में होगी। बल्कि पाताल लोक में ही समायी होगी। इस प्रकार रक्षाबंधन पर्व पर भद्राकाल तो होगा किन्तु पृथ्वी पर भद्रा का कोई कुप्रभावी नहीं होगा। जिस प्रकार ग्रहण पृथ्वी पर जिस भाग में दिखाई देता है। केवल वहीँ प्रभावी होता है। ऐसे ही पृथ्वी के देश के या प्रान्त के किसी अदृश्य भाग में न तो कोई सूतक लगता है न ही ग्रहण का दुष्प्रभाव होता है। इसी प्रकार भद्रा जब पाताल लोक में प्रभावी होती है तो पृथ्वी पर निष्प्रभावी होती है। इस तथ्य को ठीक से समझा जाए कि रक्षाबंधन वाले दिन भद्रा का साया पाताल लोक में होगा न कि पृथ्वीलोक में। इसलिए11 अगस्त दिन गुरुवार को शुभ योगों में भी बहने रक्षाबंधन बिना किसी संशय के मना सकती हैं। अति आवश्यकता में ही 12 अगस्त शुक्रवार की प्रातः सुबह 7ः06 तक मनाई जा सकती है। सूर्योदिनी पूर्णिमा का रक्षाबंधन का दिन व्यापनी श्रावण पूर्णिमा में राखी का त्यौहार वास्तव में 11 अगस्त का ही है।

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