कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए मेरठ आए थे राज्यपाल राज्यपाल राम नाईक शुक्रवार को मेरठ के गंगानगर स्थित एक विश्वविद्यालय में आयोजित साहित्यिक महाकुंभ में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत किए थे।
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में ईवीएम में गडबडी की शिकायत उन्होंने भी सुनी है। प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी ईवीएम में गड़बड़ी की तमाम शिकायतें मिली थी। इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों को बुलाया भी था। पार्टियों ने आरोप लगाया था कि ईवीएम एक विशेष पार्टी के ही वोट के स्वीकार कर रही थी। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं है। शिकायत करने और आयोग के बुलावे पर पार्टियां नहीं पहुंची और उन्होंने अपनी शिकायत को भी वापस ले लिया था। प्रथम चरण में कम मतदान प्रतिशत पर राज्यपाल रामनाईक का कहना था कि इसके लिए भी कहीं-कहीं न ईवीएम की गड़बड़ी जिम्मेदार हो सकती है।
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में ईवीएम में गडबडी की शिकायत उन्होंने भी सुनी है। प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी ईवीएम में गड़बड़ी की तमाम शिकायतें मिली थी। इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों को बुलाया भी था। पार्टियों ने आरोप लगाया था कि ईवीएम एक विशेष पार्टी के ही वोट के स्वीकार कर रही थी। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं है। शिकायत करने और आयोग के बुलावे पर पार्टियां नहीं पहुंची और उन्होंने अपनी शिकायत को भी वापस ले लिया था। प्रथम चरण में कम मतदान प्रतिशत पर राज्यपाल रामनाईक का कहना था कि इसके लिए भी कहीं-कहीं न ईवीएम की गड़बड़ी जिम्मेदार हो सकती है।
संस्कृत है सभी भाषाओं की जननी इस दौरान उन्होंने छात्रों और अतिथियों को संबांधित करते हुए कहा कि सभी भाषाओं की जननी संस्कृत है। इसी से सभी भाषाओं का उदय हुआ है। हिंदी संस्कृत की बडी बहन है। उन्होंने कहा कि हिस्नी साहित्य को देश के अन्य क्षेत्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हिन्दी के साहित्यकारों की है। ऐसा तभी संभव हैं जब वे साहित्य को चारों दिशाओं में लोकप्रिय बनाए। उन्होंने कहा कि अच्छा साहित्य वही है जो लोगों के दिलां में अपनी पहचान बना ले और पाठक के मन को छू जाए। जो पाठक के मन को न छू सके वो साहित्य नहीं है। ऐसे साहित्य समाज के लिए सही नहीं है। जब हिन्दी हर तरफ पहुंचेगी तभी संस्कृत की भी पहचान बनेगी।