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Rapid Rail देश की सबसे लंबी मेट्रो सुरंग पर काम शुरू, कोरोना से अटका था आरआरटीएस प्रोजेक्ट

locationमेरठPublished: Jun 18, 2021 09:56:10 am

Submitted by:

shivmani tyagi

Rapid Rail
दिल्ली-मेरठ के बीच हवा से बात करने वाली रेपिड रेल के लिए दाे सुरंग ( metro tunnel construction ) बनाई जानी हैं। यह दोनों ही सुरंग अब तक की मैट्रों प्रणाली में दो स्टेशनों के बीच सबसे लंबी सुरंग होंगी।

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rapid rail transit system

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ. हवा से बातें करते हुए महज 70 मिनट में मेरठ ( Meerut ) से दिल्ली (delhi ) का सफर कराने की रैपिड रेल के लिए सुरंग बनाने का कार्य शुरू हो गया है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस रैपिड रेल ( Delhi Meerut Rapid Rail Project ) के बनाई जा रही दो सुरंग मेट्रो प्रणाली (metro train system ) में दो स्टेशनों के बीच अब तक की देश में सबसे लंबी सुरंग होंगी।
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इस प्रोजेक्ट पर विदेशी कंपनी काम कर रही है। मेरठ-दिल्ली के बीच प्रस्तावित इस प्रोजेक्ट को आरआरटीएस प्रोजेक्ट ( rapid rail transit system ) नाम दिया गया है। 2023 तक यह कार्य पूरा होना है यही कारण है कि यहां निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। दिल्ली से लेकर मेरठ की सीमा तक पिलर खड़े करने का करीब 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अब रैपिड की दूसरी कड़ी में सुरंग बनाने के काम में तेजी आ गई है। दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड के लिए दो सुरंग प्रस्तावित हैं। इनमे पहली सुरंग आनंद विहार टर्मिनल को जोड़ते हुए बनाई जाएगी जबकि दूसरी सुरंग मेरठ में बनाई जाएगी।
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आनंद विहार ( Anand Vihar Terminal ) में बनने वाली सुरंग का काम शुरू हो चुका है। सुरंग बनाने के लिए 20 मीटर गहरी यानी कि 10 मंजिला इमारत की ऊंचाई के बराबर और पांच मीटर चौड़े आकार का डायफ्राम वॉल ( डी-वॉल ) पैनल जमीन में उतारा गया है। यह डी-वॉल भूमिगत हिस्से में मिट्टी की खुदाई करते समय ढाल या फ्रेम के रूप में कार्य करता है। इससे मिट्टी के गिरने की संभावना कम हो जाती है, साथ ही यह पानी के रिसाव को भी रोकता है। यह लॉन्चिंग शाफ्ट 20 मीटर लम्बी और 16 मीटर चौड़ी है।
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यह आनंद विहार भूमिगत आरआरटीएस स्टेशन पर स्थित है। आनंद विहार से सराय काले खां की ओर आरआरटीएस के जुड़वां सुरंगों की खुदाई करने के लिए इस शाफ्ट में दो टनल बोरिंग मशीन ( टीबीएम ) को उतारा जाएगा। इन मशीनों से करीब तीन किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी। यह देश में मेट्रो प्रणालियों के दो स्टेशनों के बीच सबसे लंबा सुरंग खंड होगा।

आपात स्थिति से निपटने के लिए बनेगी दो और सुरंग
आपात स्थिति में सुरक्षा के लिहाज से मुख्य सुरंगों के दोनों किनारों को जोड़ने वाले इस बड़े खंड के बीच एक वायु संचार या कह लीजिए एयर वेंटिलेशन शाफ्ट का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए आनंद विहार से मेरठ की तरफ करीब दो किलोमीटर लंबी जुड़वा सुरंग बनाई जाएंगी। इनका काम भी जल्दी शुरू किया जाएगा। इन सुरंगों की चौड़ाई मेट्रो के मुकाबले ज्यादा रखी जाएगी। सुरंगों का आंतरिक व्यास करीब 6.5 मीटर होगा।

जानिए रैपिड रेल के बारे में कुछ खास बातें
रैपिड रेल का कार्य लॉकडाउन में भी चलता रहा और अब लॉक डाउन खत्म होने पर इसके निर्माण कार्य को एक बार फिर से तेजी दे दी गई है। रैपिड रेल मेरठ से दिल्ली तक हाईवे के ऊपर चलेगी। बीच में दो जगह यह ट्रेन जमीन के नीचे चलेगी जिसके लिए टनल बनाए जा रहे हैं। साहिबाबाद से दुहाई के बीच रैपिड रेल के पांच स्टेशन होंगे। सभी स्टेशनों पर तीन एग्जिट गेट होंगे। मार्च 2023 तक रैपिड रेल का निर्माण कार्य पूरा होना है। इसके लिए 550 पिलर बनाए गए हैं। साहिबाबाद गाजियाबाद गुलधर और दुहाई स्टेशन फाउंडेशन का कार्य पूरा हो चुका है। पटरी बिछाने का काम भी तेजी से चल रहा है। अब सुरंग बनाने का कार्य शुरू हो गया है। विदेशी कंपनी को यह टेंडर दिया गया है। विदेशी कंपनी मेरठ और आनंद विहार में जमीन के नीचे रैपिड रेल के लिए सुरंग तैयार कर रही है।
ये हैं खासियत

इंजीनियरों का दावा है कि रैपिड रेल में यात्री हवा से बाते करते हुए सफर कर सकेंगे। यह ट्रेन बेहद कम समय में सफर कराएगी लेकिन इसके साथ-साथ इस ट्रेन का सफर बेहद सुरक्षित भी होगा। रैपिड रेल में क्यूआर कोड स्कैन करके दरवाजे खुलेंगे और यूपीआई के जरिए आसानी से टिकट के पैसे चुकाए जा सकेंगे। इसका मतलब यह है कि रैपिड ट्रेन में सफर करने के लिए आपको टिकट के लिए लाइन में नहीं लगना होगा। इस ट्रेन में सफर करने के लिए यूपीआई से मोबाइल फोन के जरिए पेमेंट किया जा सकेगा। प्रत्येक स्टेशन सभी सुविधाओं से लैस होंगे स्टेशनों पर फुट ऑवर ब्रिज बनेंगे। सभी स्टेशनों पर तीन विशिष्ट प्रवेश और निकास द्वार होंगे शहीद स्थल भी स्टेशनों पर बनाए जाएंगे और दिव्यांगजनों के लिए अलग से व्यवस्था होगी। प्रत्येक प्लेटफार्म पर एक्सेलेटर से लेकर सीढ़ियों के साथ लिफ्ट भी होगी। प्लेटफॉर्म पर ऑटोमेटिक प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर होंगे और आपातकालीन तथा चिकित्सीय स्थिति के लिए सभी स्टेशनों पर लिफ्ट से स्ट्रेचर लाने ले जाने की भी व्यवस्था होगी।
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