रटौल का आम बागपत के रटौल गांव के अलावा पश्चिम उत्तर प्रदेश के और भी जिलों में पैदा होता है। बागपत में इस प्रजाति के आम के करीब 85 हेक्टेयर में बाग हैं। बता दें कि रटौल आम उस समय चर्चा में आया जब पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक ने देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को रटौल आम गिफ्ट में दिया था। इसके बाद रटौल गांव के किसान केंद्रीय परिवहन मंत्री चौधरी चांदराम के नेतृत्व में देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिले और उन्हें असली रटौल आम दिया।
यह भी पढ़े : Gold Silver Price Today : आज फिर चमका सोना चांदी बाजार,ये है मेरठ का सराफा भाव प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बताया कि असली रटौल आम यही है। इसके बाद इंदिरा गांधी ने पाक राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक को रटौल आम गिफ्ट में भिजवाए। उसके बाद से ही इस आम को पेटेंट की जिद्दोजहद चल रही थी। रटौल आम का पेटेंट अक्टूबर-2021 को वाराणसी में हुआ। पेटेंट के बाद ही इसको जीआइ टैग मिला। बता दें कि जीआइ टैग मिलने के बाद किसी भी प्रोडक्ट की अंतरराष्ट्रीय बाजार में महत्व और कीमत बढ़ जाती है। इसी के साथ उसके निर्यात के उत्पाद की विशिष्टता बढ़ती है।