scriptPerson Of The Week: शानदार विरासत के छिटकने के बाद हासिल करने की जद्दोजहद | RLD President Ajit Singh many change in party Person Of The Week | Patrika News

Person Of The Week: शानदार विरासत के छिटकने के बाद हासिल करने की जद्दोजहद

locationमेरठPublished: Sep 20, 2019 05:50:50 pm

Submitted by:

sanjay sharma

Highlights

राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष अजीत सिंह संगठन में करेंगे बदलाव, नई रणनीति तैयार
पूरे उत्तर प्रदेश को दस क्षेत्रों में बांटा, हर दो मंडल पर एक अध्यक्ष नियुक्त होगा
परंपरागत वोट बैंक पर मजबूत पकड़ बनाने के लिए जिले से बूथ स्तर तक करेंगे काम

 
 
 

meerut
मेरठ। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा के रूप में जाने गए चौधरी चरण सिंह की राजनीतिक विरासत संभालने के बाद बेटे अजित सिंह ने बेशक जाटों के मसीहा के रूप में अपनी पहचान बनाई, लेकिन राजनीतिक समीकरण कुछ ऐसे उलझे कि उन्हें अपने क्षेत्र बागपत समेत पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश में विरासत को संभाले रखने के लिए आज जद्दोजहद करनी पड़ रही है। लोक सभा चुनाव 2014 और 2019 में राष्ट्रीय लोक दल सुप्रीमो अजित सिंह की हार से पार्टी के वजूद पर संकट बना हुआ है।
लगातार दो बार से हो रहे पराजित

वह 1989 में लोकसभा चुनाव में बागपत के सांसद बने। इसके बाद यहीं से पांच बार और चुनाव जीते। इस दौरान वह वाजपेयी सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री रहे तो 2011 में मनमोहन सिंह सरकार में वह नागरिक उड्डयन मंत्री भी रहे। 2014 लोक सभा चुनाव में भाजपा के सत्यपाल सिंह से और अब 2019 में उन्होंने जब बागपत की बजाय मुजफ्फरनगर का रुख किया, तो संजीव बालियान जाटों की राजनीति में भारी पड़े।
शानदार विरासत को बचाने की कवायद

2013 में मुजफ्फरनगर दंगों के बाद पार्टी का परंपरागत जाट-मुस्लिम वोट रालोद से छिटक गया था। हालांकि कैराना उप चुनाव में रालोद उम्मीदवार तबस्सुम हसन की जीत को देखते हुए रालोद 2019 लोक सभा चुनाव में सपा-बसपा के साथ गठबंधन में शामिल हुई, लेकिन रालोद अपना वजूद इसमें तलाशता ही रहा और एक भी सीट नहीं जीत पाए। अब रालोद सुप्रीमो ने नए सिरे से पार्टी को जमाने की कवायद शुरू की है। रालोद के प्रदेश संगठन महामंत्री डा. राजकुमार सांगवान का कहना है कि पार्टी की बैठक में अहम फैसले लिए गए हैं। पूरे प्रदेश को दस क्षेत्रों में बांटा गया है। अब दो मंडलों पर एक अध्यक्ष होगा। उन्होंने बताया कि जिले से बूथ स्तर तक स्थिति मजबूत की जाएगी। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के स्पष्ट निर्देश हैं कि संगठन में बदलाव की जरूरत है, जिससे अगले विधान सभा चुनाव तक रालोद बेहतर स्थिति में लौटे।
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..

ट्रेंडिंग वीडियो