Sawan Ke Pehla Somwar का महत्व और बढ़ा इस बार 59 साल बाद श्रवणी नक्षत्र में सावन का पहला सोमवार लग रहा है। इतना ही नहीं इसी दिन यानी सावन के पहले सोमवार को मरुस्थलीय नाग पंचमी ( nag panchami ) पड़ रही है। यह नाग पंचमी ( Nag Panchami ) सावन के पहले सोमवार ( Sawan Ka Pehla Somwar ) को 150 साल बाद पड़ रही है। पंडित विभोर इंदुसूत ने बताया कि यह एक तरह का संयोग है। इस दिन श्रवण नक्षत्र और सर्वाथ सिद्ध योग भी पड़ रहा है। इस कारण सावन के पहले सोमवार ( Sawan Ka Pehla Somwar ) का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
यह भी पढ़ें
Kanwar Yatra 2019: कल से NH-58 पर रहेगा नहीं चलेंगे ये वाहन, Route Diversion देखकर निकलें घर से
रुद्राभिषेक से प्रसन्न होते हैं भगवान भोलेनाथ उन्होंने बताया कि मरुस्थलीय नागपंचमी ( Nag Panchami ) के इस दिन होने पर रुद्राभिषेक करने से नागदेव प्रसन्न रहते हैं। इससे संतान सुख में बाधा नहीं आती है। जिन लोगों की कुंडली में पितृदोष या कालसर्प योग है, उन्हें इस दिन पूजा करने से तुरंत शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि जिनकी कुंडली में राहु दोष है, वे इस दिन घातु के सांपों का जोड़ा अपने शरीर को छुआकर 51 बार उतारें। फिर उसको प्रवाहित जल में डाल दें। इससे राहु ग्रह दोष की बाधा दूर होगी है। इसके अलावा इस दिन प्रीति योग भी बन रहा है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से शिव-पावर्ती दोनों प्रसन्न होते हैं। यह भी पढ़ें