शैक्षिक सत्र में पहली बार कक्षाओं में पढ़ने वालों की संख्या कम जरूर रही लेकिन, लंबे समय बाद स्कूल खुले तो छात्र—छात्राएं अपने दोस्तों से मिलकर काफी खुश नजर आए। छात्र-छात्राओं से लेकर शिक्षक व कर्मचारी तक कोविड-19 से बचने के लिए मास्क पहने थे और शारीरिक दूरी का भी पालन किया गया। स्कूलों में कक्षाएं दो पालियों में चलेंगी।
बता दें कि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पिछले दिनों शासन ने प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई शुरू कराने का आदेश जारी कर दिए थे। कोविड-19 को देखते हुए निर्देश दिए गए हैं कि जिन स्कूलों में छात्र संख्या अधिक हैं, वहां दो पालियों में सुबह आठ से 11 व 11:30 से 2:30 बजे तक कक्षाएं चलाने के निर्देश दिए गए थे। यह भी कहा गया था कि छात्र-छात्राओं की उपस्थिति से पहले अभिभावकों की सहमति लेना अनिवार्य है। मेरठ में अभी तक 50 प्रतिशत अभिभावकों ने भी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमति नहीं दी है।
गौरतलब है कि प्राथमिक स्कूलों के बच्चे आनलाइन व टेलीविजन के माध्यम से जैसे-तैसे पढ़ाई कर रहे थे। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पढाई शुरू होने से पहले प्रबंध समिति की बैठक कराएं और अभिभावकों को प्रेरित करें कि वे बच्चों को स्कूल भेजें। स्कूलों में साफ-सफाई व हाथ धोने की व्यवस्था करने को कहा गया है। जब स्कूल खुले तो भीड़ नहीं लगने का विशेष ध्यान रखा गया। स्कूल में अभी समारोह व त्योहार आदि के आयोजनों पर रोक लगाई हुई है। प्रार्थना सभा भी अलग-अलग कक्षाओं में शारीरिक दूरी के पालन के साथ कराई गई।
डीआईओएस मेरठ गिरजेश कुमार ने बताया कि कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के स्कूलों को आफ लाइन पढाई के लिए खोल दिया गया है। हालांकि कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति बहुत कम है। अभिभावकों को इस बात के लिए राजी किया जा रहा है कि वे बच्चों को स्कूल भेजे। उनको यह भी समझाने के प्रयास किए जा रहे हैं कि स्कूल प्रबंधन बच्चों के स्वास्थ्य के लिए विशेष प्रबंध कर रहे हैं।