छात्र का नाम विधान है। जो कि मेरठ के ही सरस्वती विद्या इंटर कॉलेज में तीसरी कक्षा का छात्र है। छात्र विधान और परिजनों का आरोप है कि कुछ दिन पहले विधान के मुंह से स्कूल में गाली निकल गयी। जिसके बाद रोज विधान के साथ कोई न कोई शिक्षक मारता-पीटता था। लेकिन गतदिवस एक शिक्षक सचिन ने सारी हदें पार कर न केवल विधान को जाति सूचक शब्द कहे बल्कि बेहरहमी के साथ उसकी पिटाई भी की। जिसकी गवाही विधान के शरीर पर पड़े ये निशान साफ़ बयान कर रहे हैं। परिजनों ने इसकी थाने पर शिकायत भी कि थी लेकिन कोई कार्रवाई न होती देख परिजनों ने फिर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से इसकी शिकायत की। जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उचित कार्रवाई करने का आश्वश्त दिया।
इस तरह से एक घटना होना यह पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े करता है। स्कूल के अंदर एक छात्र के साथ इस तरह से व्यवहार किया जाता है और उसके बाद उस मामले को दबाने की कोशिश की जाती है बजाय इसके कि इस तरह के मामलों में सही से हल निकाला जाए।
अब जो विधान के साथ हुआ है आगे किसी छात्र के साथ ऐसा ना हो इस पर पुलिस क्या कार्रवाई करती है या स्कूल प्रबंधन अपनी तरफ से किस तरह के कड़े कदम उठाता है ये तो बाद में ही पता चलेगा। ऐसा नहीं है कि सरकार इस मामले में कुछ नहीं करती है। सरकार लगातार इस बात पर दबाव बनाती है और साफ-साफ आदेश देती है कि स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के साथ अभिभावकों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार ना हो और उसके बाद भी स्कूलों से इस तरह की घटनाओं का होना यह सीधे-सीधे सरकार के आदेशों का उल्लंघन नहीं तो क्या है।