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एसडीएम के पेशकार को 25 हजार की रिश्वत लेना पड़ा भारी, हुई ऐसी कार्रवाई कि हर तरफ हो रही चर्चा

locationमेरठPublished: Oct 28, 2020 08:40:24 am

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights
-भ्रष्टाचार में लिप्त रिश्वतखोर पेशकार अकूत संपति का मालिक
-मवाना तहसील में पहले भी पकड़े जा चुके हैं रिश्वतखोर सरकारी कर्मी
-मवाना तहसील की एसडीएम कोर्ट में तैनात है पेशकार

bribery allegations

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पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

मेरठ। मेरठ की मवाना तहसील में एसडीएम कोर्ट का पेशकार 25 हजार रूपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया है। रिश्वतखोर पेशकार का नाम सुल्हड़ है और उसे एंटी करेप्शन की टीम ने रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। बताया जाता है कि रिश्वत खोर पेशकार पर पहले भी रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लग चुके हैं। मेरठ में तैनाती के दौरान भी भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हुए अकूत संपत्ति जुटाने जैसे गंभीर आरोप हैं।
मवाना तहसील में तैनाती से पूर्व सुल्हड़ मेरठ सदर एसडीएम की कोर्ट में भी तैनात रहा। उस पर मेडिकल कालेज के सामने जागृति विहार क्षेत्र की तक्षशिला कालोनी में हजारों गज में आलीशान कोठी बनाने और अकूत संपत्ति जमा करने का आरोप है। हालांकि उस जांच में वह बच निकला था। आरोपित पेशकार मूलरूप से संभल के मोहम्मदपुर मंडा थाना नक्कासा का रहने वाला है। मंगलवार को एंटीकरप्शन टीम द्वारा जमीन के मालिकाना हक के मुकदमे में पक्ष में फैसला कराने के नाम पर रिश्वत लेने के मामले में एसडीएम का पेशकार रंगे हाथ पकड़ा गया। खादर में बेशकीमती सरकारी जमीन को तहसील कर्मियों की मिलीभगत से माफिया के नाम करने के भी कई मामले सामने आए हैं।
नागौरी निवासी सतेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2010 में सुरेश से तीन बीघा जमीन खरीदी और दाखिल खारिज हो गया। प्रतिपक्ष ने वर्ष 2015 में उसके बैनामे को चुनौती दी थी। तत्कालीन तहसीलदार ने गलत साक्ष्यों के आधार पर विक्रेता का हिस्सा ही खत्मकर उक्त बैनामे के खिलाफ जाते हुए दूसरे के पक्ष में फैसला सुना दिया था। उक्त मामले में भी कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन तहसीलदार समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। यह मामला अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है। बता दें कि हस्तिनापुर एसओ धर्मेंद्र सिंह ने भी वन क्षेत्र में आलीशान फार्म हाउस बना लिया है। इसका हाल ही में राजफाश हुआ है। इस मामले में एक रजिस्ट्रार कानूनगो पर भी गंभीर आरोप लगे।
एंटीकरप्शन टीम प्रभारी अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि पेशकार सुल्हड़ को रंगे हाथ पकड़कर उसकी जेब से रिश्वत की धनराशि बरामद की गई। इस धनराशि पर पाउडर लगा हुआ था। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा सात के तहत रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है।
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