मां से मिली समाजसेवा की प्रेरणा शाहीन बताती हैं कि उनको समाजसेवा की प्रेरणा बचपन में मां से मिली थी। उनकी मां टीचर थी और वह समाजसेवा करती रहती थी। इन्हीं कामों के कारण उनकी मां के पास लोगों की भीड़ लगी रहती थी। उन्होंने बताया कि मां की प्रेरणा से ही वह आगे आई और समाजसेवा के काम में जुट गई। इसके बाद निकाह हुआ तो पति ने उनको आगे बढाया। पति की हौसलाफजाई के कारण आज वह तलाकशुदा महिलाओं को कानूनी और सामाजिक मदद करने में सक्षम हैं। उनके पास प्रतिदिन तलाकशुदा महिलाएं अपनी समस्या लेकर आती हैं। जिसका निदान वह कानूनी और सामाजिक रूप से करती हैं।
कुरान के साथ पढ़ती हैं सुंदर कांड शाहीन को दूसरे धर्मों से शुरू से ही लगाव रहा है। इस्लाम धर्म में पैदा होने के बाद भी उनको हिन्दू धर्म से भी विशेष लगाव है। वह कहती हैं कि कुरान तो उनको याद है ही इसके साथ ही वे मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ भी करती हैं। सुंदरकांड उनको पूरी तरह से याद है।
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh
Facebook पर Like करें, Follow करें
Twitter पर ..