जी हां, हम बात कर रहे हैं बहन के भुवनेश्वर की। भुवनेश्वर आज जो कुछ भी है उसमें उनकी बड़ी बहन रेखा अघाना का पहुत बड़ा हाथ है। उन्हीं के जज्बे की वजह से ही भुवनेश्वर ने कड़ी मेहनत कर आज दुनिया के हर बड़े बल्लेबाज को झुकने पर मजबूर कर दिया है। बहन के इस जज्बे ने ‘बिट्टू’ को स्विंग मास्टर भुवनेश्वर कुमार बना दिया है। भुवनेश्वर की बहन रेखा अघाना ने शादी की तैयारियों के लिए सबसे ज्यादा खरीदारी की है। अधिकतर इंतजाम बहन ने ही की है। रेखा का कहना है कि भार्इ भुवनेश्वर की शादी में उसके लिए सबकुछ स्पेशल है। इकलौते भार्इ की शादी में कोर्इ कसर नहीं छोड़ेंगी। शादी के कार्यक्रमों की बेहतरीन तैयारी है, यह दिन उनके लिए बहुत खास है।
इस तरह भाई को बनाया स्टार
भुवनेश्वर के पिता किरनपाल सिंह बागपत में पुलिस विभाग में सब-इंस्पेक्टर थे और बागपत में तैनाती थी। रेखा और भुवनेश्वर को अच्छी शिक्षा दिलानी थी, इसलिए उन्होंने 2002 में गंगानगर में मकान बनवा लिया। यहां पत्नी इंद्रेश, बेटी रेखा और बेटा भुवनेश्वर रहने लगे। पिता छुट्टियों में यहां आया करते थे। क्रिकेट का शोक भुवनेश्वर के साथ ही पिता और बहन को भी था, लेकिन माता को नहीं था। पिता के पास समय नहीं था। उस समय 13 साल की उम्र में भुवनेश्वर के क्रिकेट के प्रति बढ़ते शौक को देखकर रेखा ने उसे प्रोपर तरीके से क्रिकेट सिखाने का निर्णय लिया।
विक्टोरिया पार्क में उन दिनों काफी बच्चे क्रिकेट सीखते थे। तो वह भुवनेश्वर को भी वहां लेकर गई। कोच संजय रस्तोगी का कहना है कि भुवनेश्वर जब यहां आया था, तो उसमें काफी टैलेंट था। जब हमने सिखाना शुरू किया था, तो उसकी बहन उसकी प्रोग्रेस के बारे में लगातार डिस्कस करती थी और भुवनेश्वर से और मेहनत करने के लिए कहती थी। उसे क्रिकेट के सामान की जरूरत होती थी, तो अपने पैसों से दिलवा देती थी। यूपी अंडर-14 और अंडर-16 से शुरू हुए कॅरियर ने रणजी क्रिकेट की यूपी टीम में दस्तक दी। इसी बीच भुवनेश्वर को नेशनल क्रिकेट एकेडमी में ग्लेन मैग्रा से काफी कुछ सीखने को मिला। अब भुवनेश्वर टीम इंडिया के सबसे बड़े बॉलर बन गए हैं, तो भी बहन उसे कड़ी मेहनत करने की सलाह देती है। रेखा का ससुराल दिल्ली में है। ऐसे में दिल्ली में जितने मुकाबलों में भुवनेश्वर खेले हैं, उन्हें रेखा स्टेडियम में जाकर जरूर देखती हैं।
शादी की यह है तैयारी
भुवनेश्वर की शादी की तैयारियों को लेकर सबसे ज्यादा फिक्र भी रेखा को ही है। चार अक्टूबर को भुवनेश्वर-नुपुर की सगार्इ होने के बाद से रेखा पिता के साथ मिलकर तैयारियों में जुटी हुर्इ हैं। लेडीज संगीत से लेकर रिशेप्सन तक के कार्यक्रम और उनमें क्या-क्या होगा, बहन रेखा ने ही फाइनल किया है. हालांकि इन विशेष कार्यक्रमों के बारे में उन्होंने बताने से मना कर दिया है। भुवनेश्वर के कॅरियर पर उन्होंने कहा कि वह शुरू से मेहनती रहा और मेरा सपना पूरा किया। इससे ज्यादा बहन को क्या चाहिए।