शास्त्रीनगर स्थित नरेश अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने अपनी दुकान में सैनिटाइजर का घोल रखा हुआ है। ग्राहकों द्वारा दिए जाने वाले रुपये उसमें डलवाए जाते हैं। उसके बाद उसमें से एक चिमटी के माध्यम से निकालकर सुखा लिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा कोरोना संक्रमण से बचने के लिए किया जा रहा है। नरेश जैसे ऐसे कितने ही दुकानदार हैं जो इस तरह से कर रहे हैं। कुछ तो ग्राहक के हाथ में ही नोटों को सैनिटाइज कर पकड़ रहे हैं। खैरनगर स्थित दवाईयों के थोक दुकानों के व्यापारी भी नोट को हाथों में लेने से परहेज कर रहे हैं। कई व्यापारियों ने तो पिछले 2 महीने से नोट को हाथ में ही नहीं लिया है।
आनलाइन हो रहा लेनदेन कोरोना संक्रमण काल के दौरान अब अधिकांश लेनदेन आनलाइन ही हो गया है। जो ग्राहक नगद ही देना चाहते हैं उनके नोट व सिक्के पूरी तरह से सैनिनटाइज कर एक तरफ रखवा दिए जाते हैं। व्यापारियों का कहना है कि खास तरीके से तैयार घोल में नोट खराब नहीं होते। अधिकांश दुकानदार आनलाइन लेनदेन पर जोर दे रहे हैं। वहीं ग्राहक भी अब आनलाइन लेनदेन की ओर तेजी से बढ़ रहा है।