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धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि मनुष्य को अपने जीवन में निर्जला एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। इस व्रत में भी भगवान विष्णु का विधि-विधान से पूजन किया जाता है। इस बार निर्जला एकादशी के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। पहला योग शिव योग है जो कि 21 जून की शाम 5:34 मिनट तक रहेगा। उसके बाद दूसरा योग सिद्धयोग लग जाएगा। यानी एक ही दिन दो योगों के लगने से निर्जला एकादशी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।मुस्लिम बुद्धिजीवी बोले- NPR देशहित में, अल्पसंख्यक न करें इसका विरोध
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार, इस एकादशी को भीमसेन एकादशी, पांडव एकादशी और भीम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। हर महीने में दो एकादशी होती हैं-एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में आती है। उत्तम संतान की इच्छा रखने वालों को शुक्ल पक्ष की एकादशी का उपवास एक साल तक करना चाहिए। इससे श्रीहरि अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन पर कृपा बनाए रखते हैं। कहा जाता है जो व्यक्ति साल की सभी एकादशी पर व्रत नहीं कर सकता,वो इस निर्जला एकादशी के दिन व्रत करके बाकी एकादशी का लाभ भी उठा सकता है।एकादशी तिथि प्रारंभ-20 जून शाम 4:21 बजे से होगी और एकादशी तिथि समाप्त-21 जून दोपहर 1:31 बजे तक रहेगी। इसके पारण का समय-22 जून सुबह 5:13 बजे से 8:01 बजे तक रहेगा।