देह व्यापार के दलालों के बीच फंसी युवती ने जब अपने भाई को नेपाल में फोन किया कि मुझे बचा लो तो बिना देर किए पीड़ित भाई ने नेपाल सरकार से अपनी बहन को रेस्क्यू कराने की गुहार लगाई। नेपाल की सरकार ने इस मामले में संज्ञान लिया और एक एनजीओ के साथ पीड़िता के भाई को मेरठ भेज दिया। नेपाल सरकार की पहल पर मेरठ पुलिस ने NGO के साथ मिलकर रेड लाइट एरिया में छापेमारी की, जिससे रेड लाइट एरिया में हड़कंप मच गया। कई कोठों पर युवती की तलाश के लिए छापेमारी की गई, जिसमें नेपाल की दो नाबालिग लड़कियां मौके से बरामद भी कर ली गईं। देह व्यापार के धंधे में लिप्त दलालों ने इन लड़कियों को छत पर छिपा दिया था। बमुश्किल पुलिस ने उन्हें बरामद किया और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल में भेज दिया। हालांकि दुखद बात यह है कि अपनी बहन की तलाश में आए भाई को केवल मायूसी ही हाथ लगी। घंटों की छापेमारी के बाद भी नेपाल कि वह लड़की नहीं मिल सकी, जिसकी तलाश में नेपाल से उसका भाई और एनजीओ के लोग भारत आए थे।
जानकारी के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मेरठ देह व्यापार की एक बड़ी मंडी है। मेरठ के थाना ब्रह्मपुरी क्षेत्र स्थित इस रेड लाइट एरिया में करीब 5000 सेक्स वर्कर हैं। अधिकतर लड़कियां बिहार, बंगाल से लाई गईं हैं, लेकिन जिस्मफरोशों की डिमांड को पूरा करने के लिए जिस्म के सौदागर नेपाल और दूसरे देशों से भी लड़कियां लेकर आते हैं और उन्हें जबरन देह व्यापार के धंधे में उतार देते हैं। पुलिस इस मामले में कई बार छापामार कार्रवाई कर चुकी है, लेकिन कुछ ही लड़कियां बरामद हो पाती हैं। यह सिलसिला इसी तरह चलता रहता है।