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पंडित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार पूजन अवधि करीब दो घंटे 36 मिनट की रहेगी। चैत रामनवमी का समापन श्री राम जन्म उत्सव के साथ होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष रामनवमी के अवसर पर पांच ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है। इससे पहले ऐसा संयोग 2013 में बना था इस हिसाब से यह दुर्लभ संयोग पूरे 9 वर्षों के बाद बन रहा है। यह भी पढ़ें
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रामनवमी 21 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 59 मिनट तक पुष्य नक्षत्र रहेगा, इसके बाद अश्लेषा नक्षत्र आरंभ होगा जो सुबह 08 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। इस दिन चंद्रमा पूरे दिन और रात स्वयं की राशि कर्क में संचार करेगा, सप्तम भाव में सप्तम भाव में स्वग्रही शनि, दशम भाव में सूर्य, बुध और शुक्र है। तो वहीं इस दिन बुधवार रहेगा। ग्रहों की इस स्थिति के कारण इस बार की रामनवमी बेहद शुभ रहेगी। इस दिन पूजा पाठ और खरीददारी करना बेहद शुभफलदाई रहेगा। नहीं होंगे कार्यक्रम
कोरोना संक्रमण के चलते इस बार कोई सामूहिक कार्यक्रम नहीं आयोजित किए जा सकेंगे। कोरोना संक्रमण के चलते भगवान Shree Ram राम का जन्मोत्वस घरों में ही मनाया जाएगा। इसके लिए घर पर ही हवन और पूजन किया जाएगा। मंगलवार को लोगाें ने रामनवमी का व्रत रखा। भगवान राम के जन्म का प्रसाद लेकर श्रद्धालुगण अपना व्रत तोड़ेगे। कोरोना महामारी के कारण इस बार रामनवमी का जुलूस नहीं निकाला जा सकेगा। मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए विशेष तैयारी की गई है। हालांकि कई मंदिरों में लोगों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। मंदिरों से लेकर अन्य स्थानों पर ध्वज बदले जाएंगे।
कोरोना संक्रमण के चलते इस बार कोई सामूहिक कार्यक्रम नहीं आयोजित किए जा सकेंगे। कोरोना संक्रमण के चलते भगवान Shree Ram राम का जन्मोत्वस घरों में ही मनाया जाएगा। इसके लिए घर पर ही हवन और पूजन किया जाएगा। मंगलवार को लोगाें ने रामनवमी का व्रत रखा। भगवान राम के जन्म का प्रसाद लेकर श्रद्धालुगण अपना व्रत तोड़ेगे। कोरोना महामारी के कारण इस बार रामनवमी का जुलूस नहीं निकाला जा सकेगा। मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए विशेष तैयारी की गई है। हालांकि कई मंदिरों में लोगों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। मंदिरों से लेकर अन्य स्थानों पर ध्वज बदले जाएंगे।