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गजब: भैंस की तेरहवीं में जुटा पूरा गांव, ढ़ोल-नगाड़ों से हुई अंतिम विदाई, हलवाई लगाकर दी गई दावत

locationमेरठPublished: Jan 09, 2021 12:25:09 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights:
-बीमार में इलाज कराने को लगा दिए लाखों
-मरने के बाद की क्रिया कर्म के साथ तेरहवीं
-ग्रमीणों ने पूरे विधि-विधान से भैंस को दी श्रद्धांजलि

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

मेरठ। अभी कुछ दिन पहले एक किसान ने अपने पालतू कुत्ते के मरने पर मृत्युभोज किया था। जिसमें गांव के सभी लोगों को खाना खिलाया था। लेकिन अब मेरठ का एक किसान अपनी भैंस के कारण चर्चाओं में है। इस किसान ने अपनी भैंस के मरने के बाद उसका क्रियाक्रम किया और ब्रहमभोज के साथ ही तेरहवीं का आयोजन किया। भैंस की तेरहवीं में पूरा गांव और रिश्तेदारों को किसान ने आमंत्रित किया। दरअसल, किसान का नाम सुभाष है। जो मोहम्मदपुर शाकिस्त के रहने वाला है। जिसे उसकी भैंस काफी प्यारी थी और भैंस करीब 30 साल से किसान के परिवार का हिस्सा थी।
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जानकारी के अनुसार बीते कई साल से भैंस ने दूध देना बंद कर दिया लेकिन किसान ने इसे अपने पास ही रखा और इसकी पूरी देखभाल करता था। इसी बीच भैंस की तबीयत काफी खराब हो गई। किसान सुभाष ने उसके इलाज में भी पैसा पानी की तरह बहाया। लेकिन उसको बचा नहीं सका। भैंस की मृत्यु के बाद सुभाष ने तेरहवीं आयोजित की। यह तेरहवीं काफी चर्चा में है। इस तेरहवीं के मौके पर सुभाष ने पूरे गांव के लोगों को दावत दी। तेरहवीं में आने वाले सभी सभी ग्रामीणों ने वहां पर पूरे विधि-विधान से भैंस को श्रद्धांजलि दी। यह अनूठी तेरहवीं पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।
किसान सुभाष का कहना है कि वो अपनी भैंस को अपने परिवार के सदस्य की तरह ही मानते थे। उन्होंने अपनी भैंस के मरने के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए हर कर्मकांड किया।जिससे उनकी भैंस की आत्मा को शांति मिले। सुभाष ने बताया कि उन्होंने बचपन से ही इस भैंस को पाला था, इसलिए उन्हें इससे काफी लगाव था। भैंस के दूध देना बंद करने के बाद भी सुभाष ने न तो उसकी उपेक्षा की और न ही उसको बेचने पर विचार किया। बीते एक महीने से भैंस की तबीयत खराब होने पर सुभाष ने उसके इलाज के लिए काफी धन भी खर्च किया। इसी दौरान भैंस की मौत के बाद सुभाष के परिवार ने ढोल, नगाड़े के साथ उसे अंतिम विदाई दी।
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इसके बाद उसकी तेरहवीं के लिए बड़ा आयोजन किया गया। इसके लिए बकायदा टेंट, हलवाई लगाया गया और पूरे गांव को तेरहवीं का प्रसाद खिलाया गया। यहां पर भैंस के लिए एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन भी किया गया। जिसमें ग्रामीणों ने भैंस की फोटो पर फूल माला चढ़ाकर भैंस की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
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