यह भी पढ़ेंः शादी से चार दिन पहले युवती के साथ छेड़छाड़, इसके बाद दोनों पक्ष आ गए आमने-सामने… मुख्यमंत्री ने किया था जवाब-तलब सूबे के मुख्यमंत्री ने आईजीआरएस पोर्टल पर आने वाले प्रार्थना पत्रों का निस्तारण करने में लापरवाही पर प्रदेश के कई जिलों के डीएम-एसएसपी से जवाब तलब किया है। मेरठ जिला आईजीआरएस की रैंकिंग में लगातार नंबर वन पर है, लेकिन मेरठ के कुछ थानेदार और सब-इंस्पेक्टर शिकायत निस्तारण में देरी कर रहे हैं। इस मामले में एसएसपी अजय साहनी ने जिले के छह सब-इंस्पेक्टरों को लाइन हाजिर करते हुए उनके विरुद्ध जांच बैठा दी है।
यह भी पढ़ेंः लव मैरिज करने के बाद पति ने फोन पर दे दिया तलाक, अब एसएसपी से लगाई गुहार, देखें वीडियो सीएम की प्राथमिकता पर होगा काम आईजीआरएस के संबंध में नोडल अधिकारी व एसपी ट्रैफिक संजीव वाजपेयी, एसपी सिटी डॉ. अखिलेश नारायण सिंह और एसपी देहात अविनाश पांडेय ने सभी थानेदारों की बैठक पुलिस लाइन सभागार में ली थी। समयावधि के चक्कर में झूठी सूचना न दें। ऐसा निस्तारण करें, जिससे पीड़ित संतुष्ट हो। अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में आईजीआरएस सबसे ऊपर है। जिन प्रार्थना पत्रों का निस्तारण होता है, उनकी रैंडम जांच की जाती है। यदि जांच में निस्तारण गलत पाया गया तो थानेदार और दरोगा को सस्पेंड तक किया जा सकता है।
यह भी पढ़ेंः 3 साल पहले गायब हो गया था पति, अचानक पत्नी को पता चली ये बात तो होश खो बैठी अभी अन्य पर भी गिर सकती है गाज नोडल अधिकारी संजीव वाजपेयी ने बताया कि जो भी काम में लापरवाही करेगा उसके खिलाफ विभागीय कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे छह सब-इंस्पेक्टरों को लाइन हाजिर किया गया है। कुछ और लोग भी हैं जिनकी जांच अभी चल रही है वे भी जांच में दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।