उन्होंने बताया कि तौल लिपिकों के पाक्षिक स्थानान्तरण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाये जाने के लिए स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट (ई.आर.पी.) के माध्यम से स्थानान्तरण किया जायेगा तथा निर्गत स्थानान्तरण सूची को विभागीय वेबसाइट एवं सोशल मीडिया पर अपलोड कर प्रसारित भी कराया जायेगा साथ ही जिन तौल लिपिकों को लाइसेंस जारी किया जायेगा उनका डाटाबेस फोटो सहित विभागीय वेबसाइट पर भी अपलोड कराया जायेगा। यह भी बताया कि विगत 05 वर्षों में जिन तौल लिपिकों के लाइसेंस निरस्त किये गये हो अथवा दण्डित किया गया हो उन तौल लिपिकों के लाइसेंस निर्गत न किये जाने हेतु भी निर्देश दिये गये है।
चीनी मिलगेट पर न्यूनतम 10 टन क्षमता वाले मैनुअल काँटे लगाये जाने हेतु चीनी मिल अध्यासी को निर्देशित किया गया है जिससे कृषक अपने वजन की तुलनात्मक जाँच कर सकेंगे। प्रत्येक क्रयकेंन्द्र पर उस दिन तौली जाने वाली पर्चियों की एकनॉलेजमेन्ट शीट भी अनिवार्य रूप से चस्पा की जायेगी। पेराई सत्र के दौरान घटतौली जैसे कपटपूर्ण तरीके अपनाकर कृषक हित प्रभावित किया जाता है। जिसमें मूल तौलन यन्त्र विनिर्माता सॉफ्टवेयर प्रदाता की मिलीभगत रहती है। इस मिलीभगत को रोकने तथा तौल कार्यों में शामिल प्रत्येक व्यक्ति का उत्तरदायित्व निर्धारित करने के दृष्टिगत गन्ना आयुक्त द्वारा पेराई सत्र 2022-23 के लिए चीनी मिलों में गन्ना तौल हेतु प्रयुक्त होने वाले इलेक्ट्रॉनिक तौलन पट्ट (वेबिज ) की कार्य की शुद्धता में किसी भी प्रकार की छेड़-छाड़ एवं अंशशोधन / मापांकन पाये जाने की ऽ दशा में मूल तौलन यंत्र विनिर्माता, सॉफ्टवेयर प्रदाता दायित्वों को भी निर्धारित करते हुए उनके विरुद्ध विधिक माप विज्ञान के अधिनियम, 2009 एवं संगत नियमवली. 2011 के अन्तर्गत कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।