सूचना पर शुक्रवार को परतापुर थाना अंतगर्त एक प्रकाशक के यहां एसटीएफ और मेरठ पुलिस की संयुक्त छापेमारी की गई। जिससे यहां पर गोदाम में एनसीईआरटी की किताबों की बाइंडिंग चल रहा था। पुलिस को देख कुछ लोग भाग खड़े हुए। जबकि अन्य दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रकाशक के यहां से 35 करोड की किताबें बरामद कीं गई हैं। पूछताछ में पता चला कि किताबें प्रकाशित कर दूसरे राज्यों और जिलों में भेजी जाती थी। अधिकांश किताबें 9 से 12वीं तक की फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैंथ की हैं। खबर लिखे जाने तक छापेमारी कार्रवाई जारी थी।
प्रकाशक नहीं चढ़ा हत्थे :— एसपी सिटी डा0 एएन सिंह ने बताया कि प्रकाशक की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। पूरे मामले से शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों और एनसीईआरटी अधिकारियों को अवगत करा दिया है। उन्होंने बताया कि मामले में आईपीसी की धाराओं के साथ ही कॉपी राइट और पायरेसी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।
आसान है किताबों का प्रकाशन :—
एनसीईआरटी की किताबें नेट पर डाउनलोड हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किताबों का नेट से प्रिंट लेकर निगेटिव तैयार कराकर प्रकाशन किया जा रहा था। अपने फायदे के लिए दुकानदार इस धंधे का बढ़ावा दे रहे हैं।
आसान है किताबों का प्रकाशन :—
एनसीईआरटी की किताबें नेट पर डाउनलोड हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किताबों का नेट से प्रिंट लेकर निगेटिव तैयार कराकर प्रकाशन किया जा रहा था। अपने फायदे के लिए दुकानदार इस धंधे का बढ़ावा दे रहे हैं।
दूसरे राज्यों और जनपदों में भी होती है सप्लाई :— एसटीएफ को जानकारी में बताया गया है कि ये किताबें सिर्फ शहर में नहीं बल्कि आसपास के जनपदों में भी जाती हैं। बागपत, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, हापुड़ के वाहन अक्सर गोदाम पर खड़े रहते हैं। इसके अलावा दूसरे राज्यों में भी इनकी सप्लाई की जाती थी।