मौसम विभाग ने पहले ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य जिलों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आंधी की आशंका व्यक्त की थी। पूर्वानुमान के मुताबिक दिन में तपिश के बाद रात 10:30 बजे तेज आंधी आई। आंधी के आते ही बिजली भी गुल हो गई। आंधी के चलते एहतियातन बिजली काट दी गई थी। पेड़ गिरने से दर्जनों स्थानों पर बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हुए। आंधी के कारण हुए फाल्ट से मेरठ पूरी रात अंधेरे में डूबा रहा। आंधी के करण सदर, डिफेंस कालोनी सहित कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए जबकि दर्जनों जगह तने टूटकर गिर गए।
तेज हवा से कई ईंट भट्टों पर आग की घटनाएं हुईं। स्थानीय लोगों ने पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया। लेकिन आग और भड़की। आंधी रुकने के तुरंत बाद दमकल विभाग की टीम क्षेत्रों की ओर दौड़ पड़ी। कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। सीएफओ संतोष राय ने बताया कि आंधी के कारण रोहटा,फफूंडा, दौराला, कैथवाड़ी, खिवाई समेत मंडावरा स्थित ईंट भट्टों की चिंगारी से उनके पास रखी लकड़ी व झुग्गी में आग लग गई। तेज हवाएं चलने की वजह से आग कुछ ही देर में चारों तरफ फैल गई। जिस वजह से आसपास के गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। साहस दिखाते हुए भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों ने आग बुझाने का प्रयास भी किया। लेकिन वे असफल रहे। आंधी बंद होने के बाद दमकल विभाग की टीम मवाना, सरधना व परतापुर स्टेशन से फायर टेंडर व अन्य गाडिय़ां लेकर पहुंची।