1000 साल पुरानी मजार पर जुटे सूफी कलाकार, एक से बढ़कर एक तराने पेश किए गए
Highlights:
— देश के तरानों पर झूम उठी महफिल
— बाले मियां की मजार पर हुआ कार्यक्रम
— सुफियों ने देश की शान में पढ़े कसीदें
— बोले धन्नीपुर मस्जिद विश्व में बेमिसाल

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ। एक हजार साल पुरानी बाले मियां की मजार पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सूफियों ने देश के लिए एक से बढ़कर एक तराने पेश किए। बाले मियां मजार के मुफ्ती और वक्फ कमेटी बोर्ड के अध्यक्ष अशरफ कारी ने कार्यक्रम में कहा कि धन्नीपुर में बन रही मस्जिद लाजवाब है। यह मस्जिद विश्व की सबसे बेमिसाल मस्जिदों में से एक होगी। मस्जिद में दी गई सुविधाएं अपने आप में काबिले तारीफ हैं।
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कार्यक्रम में आल इंडिया वक्फ वेलफेयर सोसाइी के सूफी कबीर अहमद के हिंदुस्तान के तरानों पर कार्यक्रम में उपस्थित लोग झूम उठे। उन्होंने ''जब तुम भी शमे वतन, हम भी शमे वतन आओ रोशन करें मिलकर ये अंजुमन'' गाया तो लोग झूम उठे। उन्होंने दूसरा तराना गया ''मिटे हैं हम वतन पर और हम मिटेगे, हमें आवाज दो तुम कहीं से। मुझे दिल मांगकर ला दो कहीं से।
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कार्यक्रम में देश के लिए मुस्लिमों की कुर्बानी और देश में मुस्लिम महापुरूषों की शान में कसीदे पढे गए। देश के कई स्थानों से आए सूफियों ने कहा कि हम देश के मुस्लिम देश के लिए हर प्रकार की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। हम अपने वतन पर मर मिटेंगे समय आने पर इसको सिद्ध भी कर देंगे।
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