इसका राशियों पर भी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ग्रहण काल में अपनी राशि के अनुसार दान करना चाहिए। इस काल में जिन लोगों की राहु-केतु या सूर्य की दशा या अंर्तदशा चल रही होती है, उन्हें ज्यादा तकलीफ होती है। सुकुल प्रसाद ने कहा कि कुछ उपाय करने से राहु-केतु का प्रभाव कम हो सकता है।
मेष राशि- 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। साथ ही सिंदूर और बूंदी चढ़ाएं। वृषभ राशि- सफेद चावल और दो चांदी के छल्ले का दान करें। भगवान शिव की उपासना करें। मिथुन राशि- ओम गण गणपते नम: की 5 माला का जाप करें और 5 किलो चारा पशुओं को खिलाएं।
कर्क राशि- सफेद दूध और पंचामृत बनाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। साथ में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। सिंह राशि- लाल कनेर के 5 फूल भगवान विष्णु जी को चढ़ाएं और ओ सूर्याय नम: का जाप करें।
कन्या राशि- हरी मंग की दाल मंदिर में दान करें और शिव परिवार की उपासना करें। तुला राशि- भगवान श्री कृष्ण की उपासना करें और ओम कृष्णाय नम: का जाप करें। साथ ही मिश्री और दही का दान करें।
वृश्चिक राशि- नरसिंह भगवान की उपासना करें। लाल मसूर और हो सके तो तांबे का बर्तन दान करें। धनु राशि- भगवान विष्णु का 5 केले का दान करें। साथ ही पीला कपड़ा भी दान करें।
मकर राशि- 5 बार शनि चालीसा पढ़ें और बताशों का दान करें1 मीन राशि- बेसन की पांच रोटी बनाकर कुश्ठ आश्रम में दान करें और ओम गुरु गुरुवे नम: की माला का जाप करें।
कुंभ राशि- भगवान भैरव के लिए 4 मुखी दीपक जलाएं। साथ ही नारियल का दान करें और कृष्ण चालीसा का पाठ करें।