टीम लीडर डॉ. अतुल गोयल ने बताया कि डॉ0 आशीष अरोड़ा और डॉ0 नीति कुमार के संयुक्त प्रयासों से हमने रोगी के नमूनों में ऑमिक्रॉनवेरिएंट का प्रत्यक्ष पता लगाने के लिए एक स्वदेशी डायग्नोस्टिक किट विकसित की है। इस सीडीआरआई की प्राइमर जांच किट का प्रदेश के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ और मेरठ के मेडिकल कालेज में कोविड पॉजिटिव मरीज के नमूनों का परीक्षण और सत्यापन के लिए किया जाएगा।
यह भी पढ़े : Corona Third Wave : आक्सीजन कंस्ट्रेटर की बढी मांग,पल्स आक्सीमीटर और थर्मामीटर की पांच गुना डिमांड सार्स-कोव-2 ऑमिक्रॉन (SARS-Cov-2 omicron)की जांच के लिए यह किट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को स्वतंत्र सत्यापन (इंडिपेंडेंट वेलीडेशन) के लिए भेजी गई है। टीम में डॉ0 अतुल गोयल, डॉ0 नीति कुमार, डॉ0 आशीष अरोरा, सुरभि मुंदड़ा, वर्षा कुमारी, कुंदन सिंह रावत एवं प्रियंका पाण्डेय का विशेष सहयोग है। वहीं ओमिक्रॉन की इस स्वदेशी जांच किट के बारे में डा0प्रवीण पुंडीर ने बताया कि वाकई ये एक बड़ी उपलब्धि है। इससे ओमिक्रॉन वैरिएंट की सटीक जांच हो सकेंगी।