सफाई कर्मी के फांसी लगाने से पहले सुबह सफाईकर्मचारियों ने वेतन की मांग को लेकर अन्य सफाईकर्मियों के साथ धरना भी दिया था। जिसमें वेतन तो नहीं मिला हां आश्वासन जरूर मिल गया। सफाई कर्मियों का आरोप है कि वेतन के स्थान पर आश्वासन पहले भी कई बार दिया जा चुका है। पर अभी तक किसी तरह की राहत नहीं दी गई।
मेडिकल कॉलेज में कुछ दिन पहले सफाई की जिम्मेदारी नए कंपनी को दी गई थी। विश्व इंटरप्राइजेज कंपनी ने मेरठ मेडिकल की सफाई का जिम्मा एक महीने 23 दिन पहले उठाया था। तभी से यह कंपनी कोरोना काल में सफाईकर्मियों से काम ले रही है, लेकिन अभी तक एक भी पैसा इनकों नहीं मिला है। जिसपर नाराज होकर कई बार कर्मियों ने आवाज उठाई, पर हर बार कंपनी के सुपरवाइजर ने बात को टाल दिया।
बुधवार को धरने से लौटकर युवक घर चला गया था। स्वजनों का कहना है कि युवक अपने कमरे में ही था। काफी देर होने के बाद जब बुलाने पर नहीं आया तो लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया। जहां जॉनी पुत्र बालकृष्ण फंसे से लटका हुआ मिला। स्वजनों ने बताया कि मई में ही युवक की शादी हुई थी। इस घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
वहीं पुलिस ने स्वजनों से पूछताछ की, जिसमें परिजनों ने वेतन न मिलने से आत्महत्या की बात से इन्कार किया है। पुलिस का कहना है कि मामले में अभी तक तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर मामला दर्ज किया जाएगा।