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हाथरस कांड: पीड़िता के पिता के खाते में पहुंचे 25 लाख, बोले- घर और नौकरी का वादा भी पूरा करें सीएम योगी बता दें कि आठ हजार की आबादी वाले हस्तिनापुर के बस्तोरा नारंग गांव में ठाकुरों का वर्चस्व है। गांव में मुस्लिमों के साथ अनुसूचित जाति, कश्यप, सिख के अलावा अन्य समुदाय के लोग भी रहते हैं, लेकिन ठाकुर ग्राम के साइन बोर्ड के कारण गांव तनाव व्याप्त है। अब यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।ग्राम सभा सदस्य इंद्रमणि जयंत ने बताया कि गांव में कई पीढ़ियों से लोग शांति और भाईचारे के साथ रह रहे हैं, लेकिन कुछ लोग जातीय विवाद को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं।
हस्तिनापुर के थाना प्रभारी अशोक कुमार ने गांव का दौरा करते हुए इस मामले को हल करने के लिए ग्रामीणों के साथ एक बैठक की। थाना प्रभारी का दावा है कि दोनों पक्षों के सदस्यों ने लिखित रूप से सहमति जताई कि अब साइन बोर्ड पर बस्तोरा नारंग गांव आपका स्वागत करता है लिखा जाएगा। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि ठाकुरों ने बोर्ड से सब हटाकर स्वागत वाली बात लिख ठाकुर और राजपूताना शब्द को छोड़ दिया है।
ग्रामीण देशराज कश्यप का कहना है कि विवाद बुधवार को शुरू हुआ था। उस दौरान ठाकुरों के एक समूह ने पीएम सौभाग्य योजना को लेकर लगे साइन बोर्ड पर महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान के चित्रों के साथ ठाकुर ग्राम बस्तोरा नारंग में आपका हार्दिक स्वागत है लिखकर प्रवेश द्वार पर लगाया था। ग्राम सभा सदस्य इंद्रमणि जयंत ने मांग की है कि शांति और भाइचारे को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि विवादित बोर्ड को तत्काल हटाया जाना चाहिए। वहीं एसएचओ का कहना है कि विवाद खड़ा करने वाले लोगों की पहचान करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में फिलहाल कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया था।