scriptवेस्ट यूपी का मुख्य व्यापार केंद्र है मेरठ, पर रेलवे के पार्सल रैक हर रोज मिलते हैं एेसे, जानिए क्यों! | The main business center of West UP is Meerut, but the railway's parce | Patrika News

वेस्ट यूपी का मुख्य व्यापार केंद्र है मेरठ, पर रेलवे के पार्सल रैक हर रोज मिलते हैं एेसे, जानिए क्यों!

locationमेरठPublished: Feb 08, 2018 02:38:48 pm

Submitted by:

sanjay sharma

रेलवे पार्सल विभाग को हर साल करोड़ों का फटका, उद्यमी-व्यापारी अपना उत्पाद भेजने के लिए रहते हैं परेशान
 

meerut
मेरठ। यह कम हैरत वाली बात नहीं है कि जिस मेरठ को वेस्ट यूपी में व्यापार का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है, वहां रेलवे के पार्सल विभाग के कर्मचारियों के पास काम नहीं है। यहां के आैद्योगिक क्षेत्रों में रोजाना करोड़ों के विभिन्न उत्पाद तैयार होते हैं। इन उत्पादों की सप्लार्इ राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय है। इसके बावजूद रेलवे के पार्सल विभाग के रोजाना खाली मिलते हैं। यहां विश्वस्तरीय उत्पाद तैयार होते हैं। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि मेरठ की रेलवे व्यवस्था कितनी सुदृढ़ है आैर उद्यमियों का अपना माल यहां से बाहर भेजने में कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
यह भी पढ़ेंः 25 करोड़ की पकड़ी पुरानी करेंसी के मामले में बिल्डर के यहां इनकम टैक्स टीम को मिले हैरान कर देने वाले दस्तावेज

यह भी पढ़ेंः बीपीएल परिवारों के बुजुर्गों के लिए बीमा योजना में अब एेसे मिलेगा ज्यादा लाभ

यहां एेसी है दिक्कतें

व्यापारी नेता अनुराग बंसल का कहना है कि शहर में बनने वाले सामान की मांग मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा दक्षिण के राज्यों में भी है, लेकिन यहां से इन क्षेत्रों में अपने उत्पाद पहुंचाने की सीधी व्यवस्था नहीं हाेने से व्यापारियों व उद्यमियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। यहां से सीधी ट्रेनें नहीं हैं आैर जहां के लिए है भी, वहां रेल से पार्सल पहुंचाने में काफी समय लग जाता है।
सब जगह मेरठ की धाक

मेरठ में क्रिकेट समेेेत विभिन्न खेल उत्पादों की देश में ही नहीं दुनिया में धाक है। हैंडलूम, कैंची, बैंडबाजा समेत तमाम उद्योग हैं, जिनके उत्पाद यहां से देश के कर्इ हिस्सों में भेजे जाते हैं, लेकिन रेलवे से पार्सल भेजने की व्यवस्था नहीं है। इन्हें उद्यमियों को दिल्ली से रेल द्वारा अपने उत्पाद भेजने पड़ते हैं। मेरठ से बिहार, कर्नाटक, पूर्वोत्तर राज्यों, दक्षिण के राज्यों, मुंबई को छोड़कर महाराष्ट के अधिकतर हिस्से, गोवा, हरियाणा, राजस्थान के अधिकांश क्षेत्रों में रेल पार्सल की कोई सीधी सेवा नहीं है। उत्तर प्रदेश के 90 फीसदी हिस्से में यहां से पार्सल की बुकिंग नहीं हो पाती। यहां से बुकिंग होती भी है, तो पहले दिल्ली रेलवे के पार्सल विभाग में कर्इ दिनों तक पड़ा रहता है, इससे इन उत्पादों के पहुंचने में 15 दिन से एक महीना ज्यादा समय लग जाता है।
यह भी पढ़ेंः अजब-गजब: यहां जानवर भी होते हैं भगवान की भक्ति में लीन-देखें वीडियो

यह भी पढ़ेंः किन्नरों ने योगी सरकार पर लगाए बड़े आरोप, कहां- उनके साथ हो रहा ये काम

इनका कहना है

स्पोर्ट्स व्यवसायी दीपक दत्ता का कहना है कि मेरठ से समान दूसरे राज्यों में भेजा तो जाता है, लेकिन ट्रेन पार्सल द्वारा नहीं। क्योंकि समान पहुंचने में कई महीने लग जाते हैं और समान भी टूट जाता है। स्टेशनों पर सामान कई-कई दिन पड़ा रहता है। हैंडलूम व्यवसायी संजीव ने कहा कि व्यापार का प्रमुख केंद्र होने के बावजूद यहां से सीधी ट्रेनें चलाने के लिए राज्य आैर केंद्र सरकार नहीं सोचती, इसका सीधा असर यहां के व्यापार पर पड़ रहा है। अगर यहां से सीधी ट्रेनें चलार्इ जाएं, तो यहां के व्यवसायों पर गुणात्मक फर्क बढ़ेगा।
बोले विभागीय लोग

रेलवे के पार्सल आॅॅफिस के एसके मिश्रा का कहना है कि अन्य स्टेशनों की अपेक्षा मेरठ से पार्सल की बुकिंग काफी कम होती है। यहां से अधिकांश बुकिंग पंजाब और दिल्ली के लिए होती है। देश के विभिन्न हिस्सों के लिए बुकिंग करके माल दिल्ली भेज दिया जाता है। वहां से उसे उसके पते पर भिजवाया जाता है।
कमजोर पैरवी रही

उद्यमियों की यह समस्या बहुत पुरानी है, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने कभी भी यहां से ट्रेनें बढ़ाए जाने की मजबूत पैरवी नहीं की। यही वजह है कि यहां से सीधी ट्रेनें नहीं होने के कारण उत्पादों को यहां से भिजवाने की सुदृढ़ व्यवस्था नहीं रही। जन प्रतिनिधियों ने बातें बड़ी की, लेकिन पैरवी नहीं।

ट्रेंडिंग वीडियो