scriptबाॅर्डर पर दुश्मनों को सबक सिखाने वाला जवान सरकारी सिस्टम पर फूट-फूटकर रोया, आत्मदाह करने को कहा | The youth who taught the lesson to the enemies on the barrier cried ov | Patrika News

बाॅर्डर पर दुश्मनों को सबक सिखाने वाला जवान सरकारी सिस्टम पर फूट-फूटकर रोया, आत्मदाह करने को कहा

locationमेरठPublished: Feb 01, 2018 07:16:06 pm

Submitted by:

sanjay sharma

30 साल से है बाॅर्डर पर, तहसील कर्मचारियों की मिलीभगत से भूमाफियाआें पर जमीन कब्जाने का आरोप, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लगार्इ गुहार
 

meerut
मेरठ। तीस साल मातृभूमि की रक्षा करने वाला बीएसएफ का जवान आज अपनी जमीन पाने के लिए भटक रहा है। वह जब परेशान हो गया और किसी ने उसकी नहीं सुनी तो उसकी आंखों से आंसू निकल आए। कमिश्नर के कार्यालय के आगे खड़ा होकर वह फूट फूटकर रोया। सरकारी सिस्टम के रखवालों को उसके ऊपर जरा भी दया नहीं आई। उसके प्रार्थना पत्र अधिकारियों के हस्ताक्षर और आवश्यक कार्रवाई से भरा पड़ा है। उसने आरोप लगाया कि आैर तहसील कर्मचारियों की सांठगांठ से भूमाफियाओं ने कब्जा ली। उसका सब कुछ छिन गया उसके पास कुछ नहीं छोड़ा आैर जब उसने एसडीएम सरधना से शिकायत की, तो उसे धक्के देकर बाहर निकलवा दिया। जवान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी गुहार लगार्इ है आैर धमकी दी कि अगर उसे न्याय नहीं मिला, तो वह आत्मदाह कर लेगा।
क्या है मामला

बीएसएफ में नायब सूबेदार जगबीर सिंह पुत्र मंगलू इस समय गुजरात से लगने वाली पाकिस्तान की सीमा पर तैनात हैं आैर ग्राम जलालाबाद तहसील सरधना के निवासी हैं। उन्होंने बैंक से लोन लेकर गांव में ही जमीन खरीदी थी। खरीदी जमीन के पास ही उनकी अपनी दादा-परदादा की जमीन खसरा संख्या 485 है, जिस पर वह काबिज हैं, लेकिन पीड़ित जवान की भूमि पर तहसील कर्मचारियों की मिलीभगत से श्रीराम पुत्र बलवंत कब्जा जमाना चाहता है। तीन जनवरी 2016 को मौके पर जाकर पीड़ित की भूमि की नापतौल कराने लगा, तो उस समय वह बार्डर पर तैनात था। उसे जब इसकी जानकारी लगी तो उसने मेरठ के अधिकारियों को पत्र लिखा और 90 वर्षीय बुर्जुग पिता को अधिकारियों के पास भेजा लेकिन उसका भी कोई असर नहीं हुआ। गांव आने पर उन्होंने बुजुर्ग ग्रामीणों की मदद से पंचायत बुलवाई और फैसले की बात कही, लेकिन गांव वालों का फैसला मानने से विपक्षीगणों ने इंकार कर दिया। जनवरी 2016 में ही तहसील कर्मचारियों की मिलीभगत से उसकी जमीन पर विपक्षीगणों का कब्जा हो गया।
सब जगह भटका, न्याय नहीं मिला

जवान को जब जमीन पर कब्जा होने की बात पता चली तो नायब सूबेदार जगबीर सिंह गुजरात के पास पाकिस्तान बार्डर पर तैनात थे। वह अपने अधिकारियों से अवकाश लेकर यहां आए और अब अपनी जमीन का हक पाने के लिए एसडीएम सरधना राकेश कुमार से मिले। वहां पर न्याय न मिलने पर जगबीर सिंह कमिश्नरी पहुंचे और रोते हुए कमिश्नर डा. प्रभात कुमार से अपनी जमीन पर हक पाने दिलाने की मांग की।
एसडीएम सरधना ने कहा

इस बारे में जब एसडीएम सरधना राकेश कुमार ने कहा कि जमीन की नापतौल फिर से करवाई जाएगी। जवान को उसका मालिकाना हक पूरा मिलेगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो